रायपुर। प्रदेश के किसानों के लिए राहत की खबर है। मौसम विभाग का अनुमान है कि इस बार मानसून जल्दी आएगा। मौसम विज्ञानियों ने बताया है कि मानसून 27 मई तक केरल तट पर पहुंच जाएंगा। ऐसा हुआ और सब कुछ सामान्य रहा तो अगले 10 दिन में 7 जून तक छत्तीसगढ़ की धरती पर मानसून का आगमन होगा।
भारत में दक्षिण अंडमान सागर में शुरुआती मानसूनी बारिश का अनुभव होता है। इसके साथ ही मानसूनी हवाएं बंगाल की खाड़ी के उत्तर-पश्चिम की ओर आगे बढ़ती हैं। सामान्य रूप से दक्षिण-पश्चिम मानसून 22 मई तक अंडमान सागर के ऊपर से आगे बढ़ता है।
अभी बढ़ी हुई क्रास इक्वेटोरियल हवा की स्थिति दक्षिण अंडमान सागर, निकोबार द्वीप समूह और दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी के कुछ हिस्सों में मानसून के आगे बढ़ने के अनुकूल हो रही हैं। मौसम विभाग के गणितीय मॉडल के मुताबिक इस साल केरल में मानसून की शुरुआत सामान्य से कुछ पहले यानी 27 मई से होने जा रही है। इस माडल में चार दिन-आगे पीछे होने की गुंजाइश है। 2021 में मानसून 3 जून को केरल तट पर पहुंचा था।
मानसून की एंट्री 15-16 जून से माना जाता है
वैसे राज्य में मानसून की शुरुआत सामान्य तौर पर है। केरल तट से बस्तर तक पहुंचने में मानसूनी सिस्टम को 12-13 दिनों का वक्त लगता है। पिछले साल यह 6 दिन पहले ही यानी 9-10 जून की रात में ही रायपुर तक पहुंच गया था। प्रदेश के आधे से अधिक हिस्सों में जोरदार बारिश के साथ मानसून की घोषणा हुई थी। कृषि विज्ञानियों का कहना है। जिले के किसानों के लिए समय से मानसून का आना और सामान्य रहना बड़ी राहत है। यहां खरीफ के फसलों का बड़ा रकबा बरसात पर ही निर्भर है। एक फसली इलाकों में यह बरसात अच्छी फसल की उम्मीद बढ़ाएगी। इसके अलावा कबीरधाम जिला सीधे तौर पर कृषि पर ही आश्रित है। इस कारण प्रदेशका कृषि मानसून पर ही आश्रित है।
द्रोणिका के प्रभाव के कारण मौसम बदला
वर्तमान में प्रदेशका मौसम बदला हुआ है। शनिवार को शाम के समस तेज आंधी तूफान के साथ हल्की बारिश हुई है। यह सब द्रोणिका के प्रभाव से हो रहा है। मौसम विभाग का कहना है कि इसकी वजह से आज रविवार को भी विभिन्ना क्षेत्रों में अंधड़ चलने व हल्की वर्षा के आसार हैं। तापमान में गिरावट के बाद भी दोपहर की तपिश से कोई राहत नहीं है। मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार बस्तर, पाली में एक सेमी वर्षा दर्ज की गई। इसके साथ ही बहुत से क्षेत्रों में हल्की वर्षा हुई। मौसम विभाग ने रविवार को भी प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में हल्की बारिश और अंधड़ की संभावना जताई है।
यह बन रहा सिस्टम
मौसम विभाग के अनुसार एक ऊपरी हवा का चक्रवाती घेरा विदर्भ के ऊपर 1.5 किमी ऊंचाई तक विस्तारित है। एक द्रोणिका विदर्भ से कर्नाटक तक 0.9 किमी ऊंचाई पर स्थित है। प्रदेश के उत्तरी क्षेत्र में उत्तर से गर्म और शुष्क हवा और दक्षिण क्षेत्र में दक्षिण से अपेक्षाकृत ठंडी और नमी युक्त हवा आ रही है। रविवार को भी प्रदेश के विभिन्ना क्षेत्रों में हल्की वर्षा के साथ ही गरज-चमक के साथ छींटे पड़ेंगे।