कांग्रेस नेता नवजोत सिद्धू को सुप्रीम कोर्ट से तगड़ा झटका लगा है। रोडरेज मामले में उन्हें 1 साल के सश्रम कारावास की सज़ा दी गई है. सुप्रीम कोर्ट ने मामले में अपना पुराना आदेश संशोधित कर दिया है. पहले सिद्धू को सिर्फ 1000 रुपये जुर्माने की सज़ा मिली थी. रोडरेज का यह मामला 1988 का है. तब सिद्धू के हाथों पिटाई के बाद एक बुजुर्ग की मौत हुई थी.
क्या है मामला?
पंजाब के पटियाला में 1988 में हुई इस घटना में गुरनाम सिंह नाम के शख्स की मौत हो गई थी. सिद्धू और उनके दोस्त कंवर सिंह संधू को पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने गैर इरादतन हत्या का दोषी मानते हुए 3-3 साल की सज़ा दी थी. लेकिन जुलाई 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने संधू को पूरी तरह बरी कर दिया. जबकि सिद्धू को सिर्फ मारपीट का दोषी माना और सिर्फ 1 हज़ार रुपए जुर्माने की सज़ा दी.
इसके खिलाफ गुरनाम सिंह के परिवार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. परिवार ने फैसले पर पुनर्विचार की मांग की. 13 सितंबर 2018 को कोर्ट ने याचिका को विचार के लिए स्वीकार किया. लेकिन तब कोर्ट यह साफ कर किया था कि वह सिर्फ सज़ा बढ़ाने की मांग पर विचार करेगा. इसका मतलब यह था कि सिद्धू पर गैर इरादतन हत्या के आरोप में दोबारा सुनवाई नहीं होगी.
मिली अधिकतम सज़ा
सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में दिए फैसले में सिद्धू को सिर्फ मारपीट के मामलों में लगने वाली IPC की धारा 323 के तहत दोषी माना था. कोर्ट ने पुनर्विचार याचिका स्वीकार करते समय कह दिया था कि बस इसी धारा में सजा बढ़ाने की मांग पर विचार होगा. अब कोर्ट ने इस धारा में मिलने वाली अधिकतम 1 साल की सज़ा सिद्धू को दी है.