अभी पहले चरण का काम ही समाप्त नहीं
राजनांदगांव। अभी ग्रीष्म ऋतु के उत्तरार्थ ही शहर के बड़े नालों को अच्छी तरह साफ कर लेना नगर निगम प्रशासन के लिये आवश्यक है, वर्ना बरसात लगने के साथ निचली बस्तियां के जलमग्न होने की आशंका रहेगी ही। दूसरा यह कि कतिपय बड़े नालों में कचरा, गंदगी महीनों से भरे होने के कारण बदबू का भक्का उठने लगा है। इससे जनस्वास्थ्य को भी खतरा है।
मानसून समीप, लेकिन सफाई का पहला चरण ही समाप्त नहीं
छनकर आ रही खबरों के मुताबिक मानसून इस वर्ष समय पर या समय से कुछ दिन पहले छत्तीसगढ़ पहुंचने का अनुमान है। बारह-पंद्रह जून तक मानसून पहुंच सकता है, लेकिन निगम से मिल रही आधिकारिक जानकारी के अनुसार शहर के नालों की सफाई का पहला चरण अभी समाप्त नहीं हुआ है। तीन-चार चरणों में शहर के नाले साफ किये जाते हैं। ऐसा भी हुआ है कि बीते सालों मंे कि बरसात लग चुके होने पर भी नालों की सफाई का काम खत्म होने से लोगों को रतजगा कर परेशानियां झेलनी पड़ी हैं। ऐसे में बीते सालों की उपजी अग्रिम परिस्थितियों से सबक लेना जरूरी है।
पहले चरण की सफाई चल रही, स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा
नगर निगम के प्रभारी स्वास्थ्य अधिकारी अजय यादव ने कहा कि वे 30 जून को सेवानिवृत्त हो रहे हैं और इससे पहले वे छुट्टी पर भी चले गये हैं। स्वच्छता निरीक्षक से प्रभारी स्वास्थ्य अधिकारी का काम संभाल रहे राजेश मिश्रा का कहना है कि शहर के नालों की बरसात पूर्व सफाई का काम तीन-चार चरणों में होता है और पहले चरण का काम समाप्ति की ओर है। पुराना गंज चौक, डबरी पारा, जिला चिकित्सालय के सामने एक बार हो गया है। अब शंकरपुर, चिखली में चलेगा। गायत्री मंदिर चौक से शहीद भगत सिंह चौक की ओर व टाऊनहाल की तरफ, ठा. प्यारे लाल स्कूल चौक से कलेक्टोरेट, बैलापसरा, नार कन्हैया नाला नंदई से मोहारा रोड ये सब किया जाना है। कुछ जगह जेसीबी भर से काम नहीं चलता तो किराये से पोकलैंड मशीन लेना पड़ता है। सो वो भी करके नाला सफाई करेंगे। उन्होंने इस बात को स्वीकारा कि ओवर फ्लो के दौरान कुछ बस्तियों में पानी भर जाता है जैसे कि इंदिरा नगर ज्यादा संवेदनशील है हालांकि वहां पक्का नाला बन चुका है।