बालकोनगर। भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) के मानव संसाधन विभाग द्वारा आयोजित 10 दिवसीय ग्रीष्मकालीन प्रतिभा विकास शिविर धूमधाम से संपन्न हुआ। शिविर में 10 से 16 वर्ष के लगभग 100 बच्चों ने हिस्सा लिया। बालको के ग्रीष्मकालीन प्रतिभा विकास शिविर का उद्देश्य बच्चों को ऐसे कार्यों से जोड़ना है जिनसे उनमें रचनात्मकता का सृजन तथा विभिन्न कलाओं की बारीकियों से परिचित कराना और कुछ नया सीखने के लिए प्रेरित करना है।
10 दिवसीय ग्रीष्मकालीन प्रतिभा विकास शिविर में बालको प्रशासन प्रमुख मेजर विश्व आनंद ने बच्चों को टेबल एटिकेट्स और गुड़िया कुमारी ने कूकिंग के हुनर सिखाएं। प्रतिभागियों ने ट्रेजर हंट में हिस्सा लिया जिसमें बच्चों ने प्रगति भवन से नेहरू गार्डन के बीच सीमित समय में गुत्थी सुलझाई। जंगल ट्रेल में बच्चों को फूटहामुड़ा के घने वन में चुनौतिपूर्ण परिस्थितियों में सूझबूझ भरा निर्णय लेना, गांठ बांधना, जंगल के संसाधन से आग जलाना और आग बुझाने के गुर सिखाए गए। उन्हें मितान भवन में प्रेरक मूवी द लायन किंग, तारें ज़मीन पर, चिल्लर पार्टी और चक दे इंडिया दिखाई गई। ग्रीष्मकालीन शिविर प्रतिभाओं को निखारने का एक बेहतरीन मंच है। कार्यक्रम में व्यक्तित्व विकास कार्यशाला से लाभान्वित प्रतिभागियों को उनके प्रदर्शन के आधार पर पुरस्कार दिए गए। पर्यावरण के प्रति जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए शिविर के सभी प्रशिक्षकों तथा प्रतिभा विकास शिविर में भाग लेने वाले प्रतिभागियों को पौधे भेंट किए गए।
मुख्य अतिथि बालको महिला मंडल की सचिव श्रीमती सिमरन कौर ने प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया। श्रीमती कौर ने शिविर में अनुशासन बनाए रखने और उत्कृष्ट आयोजन में भागीदारी के लिए प्रतिभागियों की खूब प्रशंसा की और उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं।