मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य में पुरानी पेंशन योजना बहाल करने का फैसला लिया है। इस फैसले को क्रियान्वित करने के लिए वित्त सचिव अलरमेलमंगई डी. ने पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलहपमेंट अथारिटी (पीएफआरडीए) नई दिल्ली के चेयरमेन को पत्र लिखा है।
उन्होंने पत्र में कहा है कि नई पेंशन स्कीम के तहत राज्य सरकार के योगदान की कुल राशि (नियोक्ता और कर्मचारी संयुक्त हिस्सेदारी) का वर्तमान बाजार मूल्य 17,240 करोड रुपये है। यह राशि छत्तीसगढ़ सरकार को शीघ्र लौटाई जाए। बता दें कि राज्य मंत्रिमंडल ने एक मई 2022 की बैठक में पुरानी पेंश्ान योजना लागू करने के निर्णय को मंजूरी दे दी है। राजपत्र में इसकी अधिसूचना प्रकाशित कर दी गई है। कर्मचारियों के नेश्ानल पेंश्ान सिस्टम (एनपीएस) खातों में नियोक्ता और कर्मचारी का मासिक अंशदान भी एक अप्रैल 2022 से बंद कर दिया गया है।
यह है 17240 करोड़ का हिसाब
प्रदेश्ा में नई पेंशन येाजना एक नवंबर 2004 से 31 मार्च 2022 तक लागू रही। इस दौरान 11,850 करोड़ रुपये (कर्मचारी और नियोक्ता योगदान) को नेशनल सिक्योरिटीज डिपाजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) को हस्तांतरित किया गया है। इस राशि का वर्तमान बाजार मूल्य लगभग 17,240 करोड़ रुपये है।
12 प्रतिशत कटेगा जीपीएफ
वित्त सचिव अनुसार एनपीएस के साथ पंजीकृत प्रत्येक कर्मचारी के लिए एक नया सामान्य भविष्य निधि (जीपीएफ) खाता राज्य सरकार ने खाला है। सरकारी कर्मचारियों के वेतन से मूल वेतन का न्यूनतम 12 प्रतिशत काटा जाएगा, जो कि सामान्य भविष्य निधि नियम के अनुसार सरकारी कर्मचारियों के छत्तीसगढ़ सामान्य भविष्य निधि खातों में जमा होगा।
यहां होगा राशि का उपयोग
वित्त सचिव अलरमेलमंगई डी. के अनुसार एनएसडीएल. से प्राप्त होने वाली एनपीएस खातों में की गई सरकारी अंशदान की राशि का वर्तमान बाजार मूल्य भविष्य की पेंशन देनदारियों को पूरा करने के लिए उपयोग किया जाएगा। साथ ही राज्य सरकार के लोक लेखा के तहत अलग पेंशन फंड में रखा जाएगा। इसके अलावा, पिछले वित्तीय वर्ष की पेंशन देनदारियों के चार प्रतिशत के बराबर राशि राज्य सरकार द्वारा प्रत्येक वित्तीय वर्ष में इस पेंशन फंड में निवेश की जाएगी।