छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के डूमरतराई के जिस व्यापारी ने 50 लाख रुपये की डकैती की बात कही थी, उसे लेकर अब पेंच फंसता जा रहा है। डकैती में पुलिस ने और तीन लोगों को गिरफ्तार किया। इस प्रकरण में अब तक 14 आरोपित गिरफ्तार किए जा चुके हैं। इन सभी से पुलिस को केवल 14 लाख रुपये ही मिले। अब बचे 36 लाख रुपये कहां गए, इसे लेकर पुलिस उलझी हुई है। पुलिस ने व्यापारी से 50 लाख का हिसाब मांगा है। इस प्रकरण में रविवार को पुलिस ने मुंशी विकास चतुर्वेदी, मुख्य आरोपित देवेंद्र धृतलहरे, संजू श्रीहोल और एक नाबालिग को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार कुल 14 आरोपितों में से तीन नाबालिग हैं।
तीन महीने पहले शुरू की थी नौकरी
डकैती के मुख्य आरोपित देवेंद्र और मुंशी विकास चतुर्वेदी एक ही गांव केंद्री के रहने वाले हैं। दोनों पूर्व परिचित थे। देवेंद्र डूमरतराई में हमाली का काम भी कर चुका था। अनाज कारोबारी नरेंद्र खेत्रपाल ने तीन माह पूर्व विकास को मुंशी के काम पर रखा था। घटना के 15 दिन पहले गांव में देवेंद्र और विकास की मुलाकात हुई। इस दौरान देवेंद्र ने पैसे की जरूरत होने की बात कही। और विकास के मालिक के बारे में जानकारी पूछी। जिस पर विकास ने नरेंद्र खेत्रपाल कितने पैसे लेकर आता जाता है, के साथ उसके अकेले आने-जाने के बारे में बताया। इसके बाद देवेंद्र धृतलहरे ने अज्जू व एक नाबालिग को इसके बारे में बताया। अन्य साथियों के साथ मिलकर 10 दिन तक कारोबारी नरेंद्र खेत्रपाल की रेकी की। इसके बाद 16 मई को वारदात को अंजाम दिया। इसमें कुल 14 लोग शामिल हुए।
मोबाइल खरीदा, कपड़े खरीदे फिर मिलने गया महिला मित्र से
आरोपित देवेंद्र धृतलहरे ने एक वारदात को अंजाम देने के बाद एक मोबाइल फोन खरीदा। इसके बाद महासमुंद जाकर अपने लिए जींस और शर्ट खरीदी। इसके बाद वह अपनी महिला मित्र से मिलने गया। पुलिस लगातार उसका पीछा कर रही थी। आरोपित देवेंद्र और एक नाबालिग को पुलिस ने पटेवा गांव से गिरफ्तार किया।
एक महीने तक आपस में बात करने से किया था मना
मिली जानकारी के अनुसार, आरोपितों ने वारदात करने के बाद पैसे का बंटवारा कर लिया था। इसके बाद सभी अपने-अपने घर चले गए थे। आरोपितों के पास कारोबारी का एटीएम कार्ड थे जिससे उन्होंने 40 हजार रुपये निकाले। वहीं से पुलिस को इनके विषय में जानकारी मिली। पैसा बंटवारा करने के बाद देवेंद्र ने सभी को एक माह तक किसी से कोई बातचीत करने से मना किया था।
मुंशी आ रहा था काम पर
मिली जानकारी के अनुसार, घटना के बाद से मुंशी लगातार काम पर आ रहा था। पुलिस ने उससे कई बार पूछताछ की। किसी पर संदेह होने पर उसकी जानकारी मांगी थी, लेकिन मुंशी ने साफ मना कर दिया था। देवेंद्र के पकड़े जाने के बाद जब पूछताछ की गई तो उसमें मुंशी विकास चतुर्वेदी का नाम सामने आया। देवेंद्र ने बताया कारोबारी के पैसे के बारे में जानकारी विकास ने ही दी थी।
रायपुर के एसएसपी प्रशांत अग्रवाल ने कहा, चार आरोपितों को और पकड़ा गया है। अब तक 14 लोगों की गिरफ्तारी की गई है। कारोबारी से 50 लाख का हिसाब मांगा गया है।