अब मंगलुरु के मस्जिद में मंदिर का ढांचा मिलने का दावा, विशेष पूजा के लिए पहुंचे हिंदू संगठन

Section 144 imposed in Mangaluru: वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे के दौरान शिवलिंग मिलने के दावे के बाद नया मामला कर्नाटक के मंगलुरु में सामने आया है, जहां मलाली इलाके में एक पुरानी मस्जिद के नीचे कथित तौर पर हिंदू मंदिर जैसा ढांचा मिला है. मस्जिद और मंदिर का मामला अब गंभीर होता जा रहा है और हिंदू संगठन मस्जिद के करीब मंदिर में विशेष पूजा कर रहे हैं. इसको देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं. पूजा में स्थानीय लोगों के साथ मंगलुरु साउथ के विधायक भरत शेट्टी भी पहुंचे.

हिंदू संगठन ने शुरू की विशेष पूजा

विवादित मस्जिद की सही स्थिति को जानने के लिए ताम्बूल प्रश्न पूजा की शुरुआत हो चुकी है, जो करीब 3 बजे तक चलेगी. इस पूजा के लिए विशेष तौर से पुजारी गोपाल कृष्ना पणिकर को बुलाया गया है. विश्व हिंदू परिषद (VHP) का मानना है कि यदि ये स्पष्ट हो जाता है कि इस स्थान पर मंदिर था और किस देवता का मंदिर था तो उसके बाद हम अपनी कानूनी लड़ाई आगे बढ़ाएंगे.

इस विशेष पूजा के लिए विशेष तौर पर केरल से भी पुजारी बुलाए गए हैं. यदि पुजारी ये कह देते है कि यहां मंदिर था तो हिंदू संगठन कानूनी तौर पर लड़ाई लड़ कर जमीन को हासिल करने का दावा करेंगे. ताम्बूल पूजा द्वारा स्थिति स्पष्ट होने पर अशट मंगला प्रश्न पूजा का आयोजन किया जा सकता है, जो ये बताएगा कि इस मस्जिद का इतिहास क्या है? कब ये मस्जिद अस्तित्व में आई.

मलाली इलाके में धारा 144 लागू

हिंदू संगठन द्वारा मस्जिद के करीब मंदिर में विशेष पूजा आयोजन को देखते हुए प्रशासन अलर्ट पर है और सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. इस इलाके में धारा 144 लागू कर दी गई है . इसके अलावा मंदिर और विवादित स्थल पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है.

मरम्मत के दौरान मिला मंदिर का ढांचा

मलाली इलाके की एक मस्जिद में पुनर्निर्माण का काम चल रहा था और अप्रैल महीने में पुरानी मस्जिद को गिराने के क्रम में मंदिर नुमा ढांचा नजर आया था. इसके साथ ही कुछ ऐसे साक्ष्य मिले जो हिंदू कलाकृतियों से मिलते-जुलते नजर आए. सूचना मिलने पर हिंदू संगठन (विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल) ने जाकर उस जगह का मुआयना किया.

फिलहाल कोर्ट में है मामला

तनाव ना बढ़े, इसलिए प्रसाशन भी पहुंचा. मस्जिद से संबंधित कागज लिए गए और मस्जिद के जमीन से संबंधित सरकारी दस्तावेजों को भी इकठा किया गया. जब तक ये स्पष्ट नहीं हो जाता कि जमीन पर मस्जिद थी या यहां पर पूर्व में कोई मंदिर था. तब तक के लिए मस्जिद के पुनर्निर्माण पर रोक लगा दी गई और किसी के भी उस स्थल पर जाने पर रोक लगा दी गई है. फिलहाल मामला कोर्ट के अधीन है.

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