UP Vidhan Sabha: उत्तर प्रदेश में विधान सभा का सत्र चल रहा है. ऐसे में बुधवार को दोपहर में डिप्टी CM केशव प्रसाद मौर्य और अखिलेश यादव के बीच तीखी बहस हो गई. इस बहस के दौरान सदन में तू-तड़ाक जैसे शब्द भी इस्तेमाल किए गए.
अखिलेश ने सरकार पर साधा निशाना
UP विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव भाजपा सरकार पर जमकर हमला बोल रहे थे. इस दौरान उन्होंने योगी सरकार को ‘इतिहास की सबसे विफल सरकार’ बताया. अखिलेश के इसी बयान का जवाब देने के लिए डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य खड़े हुए.
‘आपके मुख्यालय की सड़क किसने बनवाई?’
अखिलेश यादव सदन में खड़े होकर सरकार पर हमला बोल रहे थे. इसी दौरान उन्होंने कहा कि ‘ये PWD मंत्री रहे हैं, ये भूल गए. इनके जिले के मुख्यालय की सड़क किसने बनाई? बताइए… बताइए.’ इसपर विधान सभा अध्यक्ष ने टोका कि आपस में बहस मत कीजिए.
‘हमने बनाई सड़कें’
अखिलेश के इसी बयान ने सदन के माहौल को गर्म कर दिया और फिर केशव प्रसाद मौर्य ने पलटवार किया. उन्होंने कहा, ‘2027 में चुनाव आएगा. मैं यह मानता हूं कि फिर कमल खिलेगा.’ साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि आपका अभी कोई भविष्य नहीं है लेकिन सड़क किसने बनाई है, मेट्रो किसने बनाया है, एक्सप्रेसवे किसने बनाया है… जैसे लगता है आपने सैफई की जमीन बेचकर यह सब बनवा दिया है.’
डिप्टी CM पर बरसे अखिलेश
इतना सुनते ही अखिलेश आगबबूला हो गए. वो तुरंत अपनी सीट से उठकर बोले, ‘तुम अपने… तुम अपने घर के… तुम अपने पिताजी से पैसा लाते हो बनाने के लिए. तुमने राशन बांटा तो पिताजी दिए? बप्प… बप्प..
CM योगी ने ऐसे किया बचाव
इतने में ही सदन में जोरदार हंगामा होने लगा और सपा सदस्य खड़े होकर शोरगुल करने लगे. विधान सभा अध्यक्ष ने माहौल को शांत करने की भी कोशिश की. इस बीच CM योगी आदित्यनाथ खड़े होकर बोले कि ‘एक घंटे से अधिक हमने नेता प्रतिपक्ष को सुना. हमने उनकी बात सुनी. इस सदन में सरकार के उप मुख्यमंत्री अपनी बात रख रहे हैं. बीच में रनिंग कॉमेंट्री का मतलब क्या है? और दूसरा, एक सम्मानित नेता के खिलाफ असभ्य शब्दों का प्रयाग हो, यह ठीक नहीं है.’ सीएम ने कहा कि ‘सवाल सैफई का नहीं है. हम लोग जो विकास कार्य करा रहे हैं या आपकी सरकार के समय जो कार्य हुए होंगे, वह हमारी ड्यूटी थी. सरकार, सरकार होती है और हर सरकार को अपनी उपलब्धि को कहने का अधिकार है.’
जब थमा हंगामा
योगी के बात खत्म करने के बाद अखिलेश ने कहा, ‘अगर अससंदीय शब्द आए हैं तो उन्हें कार्यवाही से निकाल दिया जाए. लेकिन किसी को पर्सनल नहीं कहा जाना चाहिए.’ इसके बाद केशव प्रसाद मौर्य ने अपना भाषण पूरा किया.