राजनांदगांव। जिले की सेवा सहकारी समिति के गोदामों में इन दिनों खाद उर्वरकों की किल्लत होने के समाचार हैं। वर्षाकालीन या खरीफ फसलें बोने के पहले किसान हर साल सोसायटियों से खाद धान आदि का अग्रिम उठाव करते हैं और प्रायः हर साल परेशानी आती है। इस खाद उर्वरकों की किल्लत गत वर्ष से कहीं अधिक बताई जा रही है। किसानों को समय पर खाद उपलब्ध कराने राजनीतिक इच्छा शक्ति की कमी भी महसूस की जा रही है।
उक्त संबंध मंे राजनांदगांव तहसील के मोहारा किसान धन्नू सोनी ने बताया कि सोसायटियों में खाद की किल्लत होने से इस वर्ष अनाज की अच्छी पैदावारी को लेकर अभी से चिंता हो गई है। डोंगरगांव तहसील क्षेत्र के कृषक शिव साहू ने भी कहा कि वे सेवा सहकारी समिति रामपुर से खाद का अग्रिम उठाव कते हैं, परंतु इस वर्ष अभी से किल्लत बताई जा रही है। राजनांदगांव ब्लॉक एवं तहसील के ही इंदामरा के प्रगतिशील किसान अशोक चौधरी जो जिला भाजपा के किसान नेता भी हैं ने बताया कि यूरिया, डीएपी व पोटास की जरूरत ज्यादा होती है और सबसे अधिक किल्लत है तो डीएपी की। उन्होंने कहा कि इस साल विदेशों से उर्वरकों का आयात नहीं हो पा रहा है। दूसरा यह कि अन्नोत्पादन में किसानों को खाद उर्वरक पर निर्भरता कम करना है। कृत्रिम रासायनिक खादों से अनाज आदि की गुणवत्ता कम होती या बिगड़ती जा रहीहै। खाद की समय पर अनुपलब्धता की एक वजह उन्होंने यह भी बताई कि राज्य सरकार सही समय पर कितनी खाद चाहिये यह जानकारी केंद्र सरकार को नहीं देती। साथ ही अपने हिस्से की राशि भी समय पर नहीं देती।
ज्ञातव्य है कि जिले में 89 सेवा सहकारी समितियां हैं और कमोबेश खाद की किल्लत होने की जानकारी मिल रही है। बार-बार खाद पता करने किसानों सोसायटियों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं।
रायपुर सोसायटी के प्रबंधक दिलीप चंद्राकर ने बताया कि उनकी सोसायटी में अभी यूरिया बस है। प्रति बैग 367रू. है और नकद नहीं दे रहे हैं।