ज्ञानवापी मस्जिद विवाद को लेकर जमीयत-उलमा-ए-हिंद की देवबंद में विशाल सभा आयोजित हुई. इस मौके पर सैकड़ों इस्लामिक विद्वानों ने हिस्सा लिया. सभा में जमीयत के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने लोगों को संबोधित किया. इस दौरान वो भावुक भी हो गए और उन्होंने कहा कि मुसलमानों का चलना तक मुश्किल हो गया है. उन्होंने कहा कि, हमें हमारे ही देश में अजनबी बना दिया गया है. लेकिन जो एक्शन प्लान वो लोग तैयार कर रहे हैं, उस पर हमें नहीं चलना है. उन्होंने कहा कि हम आग को आग से नहीं बुझा सकते हैं. नफरत को प्यार से हराना होगा.
मुल्क पर नहीं आने देंगे आंच – मदनी
मौलाना मदनी ने कहा कि, ऐसे मुश्किल हालात में हम आज यहां मौजूद हैं. लेकिन ये सिर्फ हमारा जिगर जानता है कि हमारी क्या मुश्किलें हैं. मुश्किल को झेलने के लिए हौसला और ताकत चाहिए. जिस तरह की चीजें हो रही हैं उसके लिए मुस्लिमों को जेल भरने के लिए तैयार रहना चाहिए. अगर जमीयत-उलमा-ए-हिंद का ये फैसला है कि हम जुल्म को सह लेंगे पर अपने मुल्क पर आंच नहीं आने देंगे. तो ये फैसला कमजोरी की वजह से नहीं है, बल्कि जमीयत-उलमा की ताकत की वजह है. ये ताकत हमें कुरान ने दी है. हम हर चीज से समझौता कर सकते हैं, अपने ईमान से समझौता नहीं कर सकते हैं. हमारा ईमान हमें उस रास्ते पर ले जाता है कि हमें मायूस नहीं होना है.
सभा के बाद मीडिया से बात करते हुए मौलाना मदनी ने कहा कि, मुल्क के हालात और सरकारों की खामोशी अफसोसनाक है. जो इस देश के चिंता करने वाले लोग हैं, उन्हें इसे संभालना होगा. मुल्क में ये जो बांटने वाला माहौल है उसे खत्म करना होगा. अगर जरूरत पड़ी तो हम जेल भरो आंदोलन करेंगे. अभी इसे लेकर चर्चा चल रही है और एक प्रस्ताव तैयार किया जाएगा. कल तक प्रस्ताव बनाया जाएगा.