नवाज खान ने ली खाद कंपनियों के अफसरों की बैठक, जिले में अविलंब दूर होगी खाद की कमी

मीटिंग में डीएपी की मांग अनुरूप उपलब्धता पर किया गया फोकस

राजनांदगांव। जिले में किसानों को खाद उर्वरकों की किल्लत से हो रही परेशानी को जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के प्रशासक नवाज खान ने गंभीरता से लिया है। कल ही दैनिक पहुना ने जिले में खाद, उर्वरकों (फर्टिलाइजर्स) की कमी को लेकर प्रमुखता से समाचार छापा था और नवाज खान ने आज दोपहर खाद कंपनियों के अफसरों की बैठक कोऑपरेटिव्ह बैंक में ली। बैठक में जो चर्चा हुई उसमें फर्टिलाइजर कंपनियों के अधिकारियों ने खाद खासतौर से डीएपी जल्द से जल्द बड़े पैमाने पर भेजने का आश्वासन देते हुए तारीखें दे दीं हैं। कोऑपरेटिव बैंक प्रशासक ने कहा कि दिल्ली से भले ही खाद नहीं भेजे जा रहे हों, पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल खाद उर्वरकों की कमी को दूर करने प्रतिबद्ध हैं। किसानों की एक-एक परेशानी को वे समझ रहे हैं और उन्हें हल करने अथक प्रयास जारी रखे हुए हैं। विकल्प के तौर पर वर्मी कंपोस्ट सोसायटियों के माध्यम से उपलब्ध कराये ही जा रहे हैं। यह प्रदेश सरकार की ही पहल पर हो रहा है।

0- सिलसिलेवार पहुंचेंगी खाद की बड़ी खेप
जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के अध्यक्ष नवाज खान ने बैंक के मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) पंकज सोढ़ी के हवाले से बताया कि फर्टिलाइजर कंपनी एनएफएल, चंबल, कोरो मंडल और आईपीएल के अफसरों के साथ आज बैंक मंे ही बैठक हुई है। बैठक में एनएफएल के अफसरों ने 15 जून तक 2500 टन डीएपी का एक रैक भेजने का आश्वासन दिया है। आईपीएल के अधिकारियों ने 7 जून तक 2500 टन डीएपी भेजने की बात कही है। इसी प्रकार कोरो मंडल के अफसरों ने 700 टन डीएपी 7-8 जून तक भेजने का आश्वासन दिया है। चंबल कंपनी के अधिकारियों ने भी 2500 टन डीएपी जल्द से जल्द भेजने की बात कही है। बताया गया कि जिले में डीएपी 17 हजार टन की मांग है इसके विपरीत 15 टन भी नहीं है। युद्ध जैसी वैश्विक परिस्थितियों की वजह से देश में फर्टिलाइजर और उसके रॉ मटेरियल्स नहीं आने की बात बैठक मंे बताई गई है। खास बात यह भी है कि जितनी भी खाद आयेगी उन्हें प्राइवेट फर्मों में विक्रय हेतु बिल्कुल भी न दिया जाकर सीधे सहकारिता के माध्यम से किसानों को उपलब्ध कराया जायेगा। जिले में यूरिया हजार टन ही उपलब्ध है, पोटाश भी 92 टन ही है। इनके भी रैक आने वाले हैं। जिले में 1.96 लाख किसान हैं जिन्होंने समर्थन दर पर धान बेचे हैं और 1.46 लाख किसान हैं जो नियमित लेन देन करते हैं। जिले में अभी डीएपी 15 टन भी नहीं है। सोसायटियों में जल्द ही इनकी उपलब्धता हो जाती है तो आगामी खरीफ सत्र में किसानों को बड़ी राहत मिलेगी। जिले के किसान मानसून जल्द पहुंचने की आस से, खबर से खेती बाड़ी की तैयारी करने में युद्ध स्तर पर जुट गये हैं।

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