छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (पीएससी) मेंस की परीक्षा का समापन रविवार को हुआ। पांचवे दिन सप्तम परीक्षा में समान्य अध्ययन से संबंधित सवाल पूछे गए। सेट-तीन में प्रश्न क्रमांक नौ में सवाल आया कि बेरोजगारी कैसे मापी जाती है? इस सवाल का जवाब देने बेरोजगार प्रतियोगियों का दिमाग चकरा गया। वहीं गोधन न्याय योजना के लाभ को लेकर भी प्रश्न पूछा गया था। परीक्षा हाल से निकले के बाद कहा कि पर्चा कठिन था।
पीएससी की परीक्षा बिलासपुर के तीन केंद्रों में संपन्न हुई। सीएम दुबे स्नातकोत्तर महाविद्यालय, कौशलेंद्र रावि विधि महाविद्यालय और बर्जेश हायर सेकेंडरी स्कूल को केंद्र बनाया गया था। 25 मई से 29 मई तक कुल सात पेपर हुए। अंतिम दिन रविवार को पहली पाली में हुई परीक्षा को लेकर प्रतियोगी तनाव में थे। उनका कहना था कि आखिरी पेपर कठिन रहता है। कौशलेंद्र राव विधि महाविद्यालय केंद्र से निकले प्रतियोगी रमेश कैवर्त ने कहा कि कुल 200 नंबर का पेपर था। प्रश्न क्रमांक 15 में राजीव गांधी किसान न्याय योजना पर 100 शब्दों में लेख लिखने दिया गया था।
प्रथम पाली में 1194 प्रतियोगी पंजीकृत थे। इनमें से 1097 ने पर्चा हल किया। वहीं, 97 प्रतियोगी अनुपस्थित रहे। परीक्षा पूर्व प्रतियोगियों की कड़ी जांच पड़ताल की गई। जिला प्रशासन के अधिकारियों ने परीक्षा केंद्र में सारी व्यवस्थाएं भी देखी। देखने के बाद प्रतियोगियों के पेन, उत्तरपुस्तिका व जूते-मोजे की जांच की। केंद्र में सारी व्यवस्थाएं दुरूस्त मिलीं। सीसीटीवी की स्थिति भी ठीक थी। पानी की व्यवस्था को और दुरूस्त करने कहा गया।
रविवार को प्री पालीटेक्निक टेस्ट यानी पीपीटी चार केंद्रों में संपन्न् हुआ। व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापम) द्वारा आयोजित इस परीक्षा में 1397 परीक्षार्थी पंजीकृत थे। परीक्षा सुबह नौ बजे से दोपहर 12.15 बजे तक हुई। जिसमें 748 अभ्यर्थियों ने पर्चा हल किया जबकि 649 अनुपस्थित थे। परीक्षा शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला बालक एवं बालिका सरकंडा तथा देवकीनंदन कन्या शाला में संपन्न हुई। परीक्षा हाल से निकले प्रतियोगियों ने कहा कि पर्चा सरल था। धूप व गर्मी ने ज्यादा परेशान किया। पंखे से गर्म हवा आ रही थी।