गौठान से जुड़ी महिला समूह ने पूरे प्रदेश में जिले का नाम गौरवान्वित किया -कलेक्टर

राजनांदगांव। कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा आज शहीद विनोद चौबे मेमोरियल ऑडिटोरियम में गौठान से जुड़े महिला स्वसहायता समूह के हितग्राहियों के आजीविका संवर्धन हेतु आयोजित एक दिवसीय जागरूकता शिविर सह प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल हुए। कलेक्टर श्री सिन्हा ने स्वसहायता समूह की महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा कि जिले की महिलाएं काफी जागरूक हैं। महिला समूह ने अवसर मिलने पर अपने आप को साबित कर दिखाया है। गौठान से जुड़कर महिला समूह ने पूरे राज्य में जिले का नाम गौरवान्वित किया है। कलेक्टर ने कहा कि पिछले एक साल में महिला समूह ने काफी तेजी से आर्थिक आमदनी के क्षेत्र में आगे बढऩे का काम किया है। उन्होंने कहा कि कभी किसी ने सोचा नहीं था कि गोबर को लाभ का जरिया बनाया जा सकता है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की दूरगामी सोच के चलते गौठान को विकसित करने के साथ-साथ महिला समूह को जोड़कर रोजगार का सृजन करने का अवसर मुहैया कराया गया। जिसके चलते महिला समूह ने केवल 1 साल के समय में काफी सराहनीय कार्य करते हुए आमदनी अर्जित करने का पुख्ता जरिया ढूंढ लिया है।
कलेक्टर श्री सिन्हा ने कहा महिला समूह द्वारा वर्तमान में अचार, पापड़, मसाला बनाने का काम किया जा रहा है। महिला समूह द्वारा निर्मित स्थानीय उत्पादों को आम जनता तक पहुंचाने के लिए सी-मार्ट स्थापित किया गया है। कलेक्टर ने डोंगरगढ़ विकासखंड के चौतूखपरी गौठान की महिलाओं का उदाहरण देते हुए कहा कि यहां की महिलाओं ने केवल दो-तीन माह के समय में 2 लाख रूपए का मसाला उत्पादन से लाभ अर्जित किया है। यह अपने आप में एक कीर्तिमान है। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र, लाभ अर्जित करने का सशक्त माध्यम है। उन्होंने कृषि, पशुपालन, मछली पालन, उद्यानिकी से जुड़कर और अधिक सशक्त बनने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि इस सेक्टर में व्यापार की काफी संभावनाएं हैं। इसके लिए ग्राहक तलाशने की जरूरत नहीं होती है। अच्छे उत्पाद होने पर ग्राहक खुद ब खुद चल कर आते हैं। उन्होंने बताया कि जिले की गौठान से जुड़ी महिला स्वसहायता समूह द्वारा 15 करोड़ रूपए का गोबर क्रय कर वर्मी कंपोस्ट बनाया गया है। वर्मी कंपोस्ट से महिला समूह द्वारा 5 करोड़ रूपए का लाभ अर्जित किया गया। उन्होंने महिलाओं की सराहना करते हुए कहा कि महिला समूह ने जिले का मान बढ़ाया है। इस अवसर पर दाऊ वासुदेव चंद्राकर विश्वविद्यालय के कुलपति एमपी दक्षिणाकर ने कहा कि यह कार्यशाला 6 विभिन्न विभागों द्वारा आयोजित की गई है।

error: Content is protected !!