देश में आपत्तिजनक और विवादित बयानबाजी करने वालों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई है। दिल्ली पुलिस ने भाजपा से निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा, निष्कासित नेता नवीन जिंदल और पत्रकार सबा नकवी समेत तमाम उन लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है, जो ऐसे कारणों से सुर्खियों में रहते हैं। लिस्ट में असदुद्दीन ओवैसी, स्वामी यति नरसिंहानंद, शादाब चौहान, मौलाना मुफ्ती नदीम, अब्दुर रहमान, गुलजार अंसारी और अनिल कुमार मीणा भी शामिल हैं। जानकारी के मुताबिक, नूपुर शर्मा के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने नफरत भरे संदेश फैलाने के आरोप में मामला दर्ज किया है।
दिल्ली पुलिस ने दो प्राथमिकी दर्ज की हैं – एक नूपुर शर्मा के खिलाफ और दूसरी उन लोगों के खिलाफ जिन पर लगातार ‘विवादास्पद’ बयान देने का आरोप लगाया गया है। पहली प्राथमिकी नूपुर शर्मा, दूसरी में नवीन जिंदल, शादाब चौहान, सब नकवी, मौलाना मुफ्ती नदीम, अब्दुर रहमान, गुलजार अंसारी और अनिल कुमार मीणा के नाम हैं।
दिल्ली पुलिस की आईएफएसओ इकाई ने उन लोगों के खिलाफ विभिन्न प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया है जो कथित रूप से नफरत के संदेश फैला रहे थे, विभिन्न समूहों को उकसा रहे थे और ऐसी स्थिति पैदा कर रहे थे जो सार्वजनिक शांति बनाए रखने के लिए हानिकारक है। दिल्ली पुलिस के मुताबिक, आईपीसी की धारा 153, 295, 505 के तहत केस दर्ज किया गया है।
इराक, लीबिया और मलेशिया ने भी पैगंबर के बारे में की गई टिप्पणी की निंदा की
इराक, लीबिया, मलेशिया और तुर्किये ने भी पैगंबर मोहम्मद के बारे में नूपुर शर्मा और नवीन कुमार जिंदल की ओर से की गई टिप्पणी की निंदा की है। इस टिप्पणी के बाद भाजपा ने नूपुर शर्मा को पार्टी से निलंबित कर दिया है, जबकि जिंदल को पार्टी से निकाल दिया गया है।
इराक की तरफ से जारी बयान पर बगदाद स्थित भारतीय दूतावास ने कहा है कि इन दोनों नेताओं के बयान भारत सरकार के दृष्टिकोण को प्रदर्शित नहीं करते हैं। दूतावास की तरफ से भी बयान जारी कर कहा गया है कि हर धर्म का सम्मान करना भारत सभ्यता और संस्कृति रही है। भारत-इराक संबंधों के दुश्मन निहित स्वास्थ में इस टिप्पणी का उपयोग कर रहे हैं।
लीबिया, मलेशिया और तुर्किये की सरकारों की तरफ से भी पैगंबर के बारे में की गई टिप्पणी की निंदा की है और सभी से एक-दूसरे धर्मों का सम्मान करने और भाईचारा बनाए रखने की अपील की गई है। मलेशिया ने टिप्पणी करने वाले नेताओं के खिलाफ की गई कार्रवाई का स्वागत किया है।
बता दें कि इससे पहले कतर, सऊदी अरब, बहरीन और ओमान समेत कई मुस्लिम देश इस बयान की निंदा कर चुके हैं।