231 बटालियन ने कोण्ड़ासांवली से कमारगुड़ा तक सड़क निर्माण पूर्ण करवाया

दंतेवाड़ा। नक्सलियों का गढ़ कहे जाने वाले सुकमा जिले के थाना जगरगुण्ड़ा क्षेत्रमें 231 वीं वाहिनी के द्वारा 19 नवंबर 2020 को कैम्प स्थापित किया गया था। इस कैम्प का मुख्य उद्देश्य था अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र के सुदुरवर्ती गावों को जोड़ने वाली कोण्ड़ासांवली- जगरगुण्ड़ा सड़क मार्ग का नवनिर्माण करवाना। विनय कुमार सिंह, पुलिस उप महानिरीक्षक (परिचालन) दंतेवाड़ा के कुशल मार्गदर्शन एवं सुरेन्द्र सिंह कमाण्डेंट 231 बटालियन के नेतृत्व में 231 बटालियन के अधिकारियों व जवानों ने अपनी जान की परवाह ना करते हुए माओवादियों के इस गढ़ में कोण्ड़ासांवली से कमारगुड़ा तक सड़क मार्ग (दूरी 4.80 किलोमीटर) का पूर्ण रूप से नवनिर्माण करवाया। इस मार्ग के निर्माण से जगरगुंड़ा से दंतेवाड़ा तक पहुँचना आसान हो गया है और अब आम नागरिकों को दंतेवाड़ा आने के लिए सुकमा से घूमकर आने की आवश्यकता नहीं है एवं इस प्रकार आम नागरिकों को 100 कि०मी० कम गाड़ी चलानी पड़ेगी इससे आम जनता के समय एवं पैसे की बचत होगी।
सड़क निर्माण कार्य को माओवादियों द्वारा रोकने का अथक प्रयास किया गया। सड़क निर्माण कार्य में लगे सुरक्षाबलों को नुकसान पहुँचाने के लिए नक्सलियों द्वारा आईईडी और स्पाईक्स भी जगह-जगह पर लगाये गए परन्तु जवानों ने अपनी सूझ-बूझ व समझदारी से कोण्ड़ासांवली से कमारगुड़ा तक सड़क निर्माण कार्य पूर्ण करवाया। इस दौरान सुरक्षाबलों के द्वारा 37 आईईडी व 703 स्पाईक्स को सफलता पूर्वक बरामद किया गया। सड़क निर्माण कार्य के दौरान 01 जवान आईईडी की चपेट में आने से गंभीर रूप से घायल हुआ।
सुरेन्द्र सिंह कमाण्ड़ेंट 231 बटालियन ने ग्रामीणों के लिए साकार होते सपनों के बीच अपने लक्ष्य को दोहराते हुए कहा कि हमारा प्रयास नक्सलियों के गढ़ में भारत सरकार एवं राज्घ्य सरकार द्वारा दी गई सुविधाओं जैसे विद्युत, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधाओं को जिला प्रशासन के सहयोग ग्रामीणों तक पहुंचाने में मदद करना है। इससे ग्रामीणों का विश्घ्वास भी सुरक्षाबलों पर बढ़ा है तथा ग्रामीण इस बात को समझ चुके हैं कि नक्सली उन्हें अब तक विकास से दूर रख कर उनका सिर्फ शोषण कर रहे हैं।

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