रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए राजधानी रायपुर के मौलश्री विहार कॉलोनी में रियल इस्टेट अपीलेट ट्रिब्यूनल के नवनिर्मित भवन का वर्चुअल लोकार्पण किया। कार्यक्रम स्थल पर रियल इस्टेट अपीलेट ट्रिब्यूनल के अध्यक्ष जस्टिस शरद कुमार गुप्ता ने नवनिर्मित भवन का फीता काटा। मुख्यमंत्री बघेल ने इस अवसर पर कहा कि रियल इस्टेट (रेगुलेशन एन्ड डेवलोपमेन्ट) एक्ट 2016 के तहत रियल एस्टेट सेक्टर से जुड़े विवादों के निराकरण के लिए रेरा और रियल इस्टेट अपीलेट ट्रिब्यूनल फोरम बनाए गए हैं। रेरा या अन्य एड्यूडिकेटिंग अथॉरिटी के निर्णय से असंतुष्ट पक्ष रियल इस्टेट अपीलेट ट्रिब्यूनल में अपील कर सकेंगे। उपभोक्ताओं और कॉलोनाइजरों के हितों के संरक्षण में रियल इस्टेट अपीलेट ट्रिब्यूनल एक महत्वपूर्ण फोरम साबित होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि रियल स्टेट के कारोबार में एक तरफ आम उपभोक्ता होता है, तो दूसरी तरफ बिल्डर और कॉलोनाइजर होते हैं। दोनों के अपने-अपने हित होते हैं। दोनों के हितों का संरक्षण शासन का दायित्व है। रियल स्टेट के कारोबार में जितनी अधिक पारदर्शिता होगी, और जितने कम विवाद होंगे, यह सेक्टर उतनी ही तेजी से ग्रोथ करेगा। रियल इस्टेट के क्षेत्र में प्रमोटर की मनमानी को रोकने के लिए रियल इस्टेट ( रेग्युलेशन एंड डेवलपेंट) एक्ट 2016 संसद द्वारा पारित किया गया था। इस अधिनियम के तहत विवादों के हल के लिए दो फोरम हैं। पहला फोरम है रेरा, और दूसरा फोरम अपीलेंट ट्रिब्यूनल है। अपीलेंट ट्रिब्यूनल के जरिये रेरा या एडजुडिकेटिंग अथॉरिटी के आदेश से असंतुष्ट व्यक्ति अपील प्रस्तुत कर सकता है। छत्तीसगढ़ में आज पक्षकारों की सुविधाओं में बढ़ोतरी करते हुए अपीलीय ट्रिब्यूनल के कार्यलय भवन का उद्घाटन किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले साढ़े तीन वर्षों के दौरान तमाम तरह की चुनौतियों के बावजूद छत्तीसगढ़ के हर सेक्टर में अच्छी ग्रोथ हुई, इनमें रियल इस्टेट सेक्टर भी शामिल है। उन्होंने कहा कि रियल इस्टेट सेक्टर लोगों के सपनों से जुड़ा हुआ है। एक सुंदर सा घर हर व्यक्ति का सपना होता है। शासन स्तर पर विभिन्न योजनाओं के माध्यम से लोगों की आवास संबंधी जरूरत पूरी करने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। रियल स्टेट सेक्टर को रियायतें और सुविधाएं देकर प्रोत्साहित किया जा रहा है। रियल स्टेट अपीलेट ट्रिब्यूनल के अध्यक्ष जस्टिस शरद कुमार गुप्ता, ने इस अवसर पर कहा कि रियल इस्टेट सेक्टर में अपनी पूंजी लगाकर भवन, जमीन, दुकान के खरीददारों को शोषण से बचाने और उनके हितों की रक्षा के लिए अपीलेट ट्रिब्यूनल की स्थापना की गई है। उन्होंने कहा कि रियल इस्टेट ट्रिब्यूनल का महत्व इसी से समझा जा सकता है कि इसके अध्यक्ष उच्च न्यायालय के सेवा निवृत्त न्यायाधीश ही हो सकते हैं। यह ट्रिब्यूनल रेरा या एडजुडिकेटिंग अथॉरिटी के आदेश की वैधानिकता की जांच का महत्वपूर्ण फोरम है।