जयपुर स्थित राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) कोर्ट ने उदयपुर हत्याकांड मामले में गिरफ्तार किए गए चारों आरोपियों मोहम्मद रियाज अख्तरी, गौस मोहम्मद और उनके साथी आसिफ और मोहसिन को 10 दिन की NIA रिमांड में भेज दिया है। उदयपुर की घटना के विरोध में वकीलों में काफी आक्रोश नजर आया। कोर्ट परिसर में वकीलों द्वारा नारेबाजी करने के साथ ही आरोपियों को फांसी दिए जाने की मांग की गई।
एनआईए और आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) की एक टीम ने उदयपुर में दर्जी कन्हैयालाल की नृशंस हत्या के चार आरोपियों को कड़ी सुरक्षा के बीच शनिवार को जयपुर की एनआईए कोर्ट में पेश किया। कोर्ट में पेश करने से पहले आरोपियों को लेकर पुलिस टीम एटीएस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) के कार्यालय में पहुंची।
एनआईए ने एटीएस से सभी दस्तावेजी सबूत एकत्र किए। इसके बाद कन्हैया लाल हत्याकांड के दो मुख्य आरोपियों मोहम्मद रियाज अख्तरी, गौस मोहम्मद और उनके साथी आसिफ और मोहसिन सहित चारों आरोपियों को एनआईए और एटीएस के दल ने अदालत में पेश किया। सुरक्षा कारणों से अदालत और शहर के इलाकों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है।
उल्लेखनीय है कि गत 28 जून को कन्हैयालाल की हत्या के बाद राज्य सरकार ने विशेष अनुसंधान दल (एसआईटी) का गठन कर जांच शुरू की थी, लेकिन बाद में आरोपियों के तार दूसरे देशों से भी जुड़े होने के कारण इस मामले की जांच एनआईए को सौंप दी गई है।
हत्या के मुख्य आरोपी रियाज अख्तरी और गौस मोहम्मद ने कथित तौर पर 28 जून को भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा का समर्थन करने के लिए दर्जी कन्हैया लाल की उनकी दुकान पर चाकू से सिर कलम कर हत्या कर दी थी। इस नृशंस हत्याकांड के बाद इन आरोपियों ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए कहा था कि वे इस्लाम के अपमान का बदला ले रहे हैं। वीडियो में आरोपियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी धमकी दी थी। घटना के कुछ ही घंटों के भीतर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया था।
राजस्थान पुलिस ने बुधवार को कहा था कि उदयपुर में दर्जी की हत्या में शामिल मुख्य आरोपी पाकिस्तान स्थित संगठन दावत-ए-इस्लामी के संपर्क में था और उनमें से एक संगठन से मिलने के लिए 2014 में पाकिस्तान के कराची भी गया था। राजस्थान के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) एमएल लाठेर ने कहा कि मुख्य आरोपी के अलावा पुलिस ने तीन अन्य लोगों को भी हिरासत में लिया है, जिनके संपर्क में थे।