आयकर विभाग ने छत्तीसगढ़ के कई जिलों में एक साथ कार्रवाई की है. बताया जा रहा है कि आयकर विभाग ने कोयला परिवहन और अन्य संबद्ध गतिविधियों के व्यवसाय में लगे एक समूह पर रेड की है. रेड में कई अहम दस्तावेज मिलने की बात कही जा रही है. जहां-जहां यह कार्रवाई हुई है, वहां घरों के बाहर सशस्त्र बल की तैनाती की गई है और किसी को भी अंदर जाने की मनाही है. आयकर विभाग के अधिकारी पिछले कई घंटे से घर के भीतर दस्तावेज खंगाल रहे हैं.
बीती 30 जून से ही छापेमार कार्रवाई शुरू की गई थी, जहां एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के परिसर को भी तलाशी अभियान में शामिल किया गया था, इस दौरान रायपुर के साथ-साथ भिलाई, कोरबा बिलासपुर, रायगढ़ और सूरजपुर के करीब 30 से ज्यादा ठिकानों पर यह कार्रवाई शुरू हुई थी. जहां कई करोड़ की टैक्स चोरी की आशंका आयकर विभाग ने जताई है.
कई जिलों में कार्रवाई
आयकर विभाग ने सुबह-सुबह एक साथ कई जिलों में कार्रवाई की है, जहां कोयला कारोबार से जुड़े एक व्यापारी के रायपुर व महासमुंद स्थित मकान में जांच पड़ताल की गयी, इधर कोरबा में उनके साथ काम करने वाले एक ट्रांसपोर्टर के मकान पर भी आयकर विभाग की टीम कार्रवाई की. इन ठिकानों परआयकर विभाग के अधिकारी 2 दिन तक दस्तावेज खंगालते रहे. इस कार्रवाई के दौरान निवास के बाहर केंद्रीय सशस्त्र बल के जवान चारों दिशा में तैनात है, जहां किसी भी बाहरी व्यक्ति को घर के अंदर जाने की अनुमति नहीं दी गई और नहीं घर के किसी सदस्य को बाहर निकलने दिया गया.
दस्तावेज और नगदी जब्त
तलाशी अभियान के दौरान, कई आपत्तिजनक दस्तावेज, खुली चादरें और डिजिटल सबूत मिलने की बात सामने आई हैं, जिन्हें आयकर विभाग ने जब्त किया है. समूह द्वारा अपनाई जाने वाली कार्यप्रणाली में छत्तीसगढ़ राज्य भर में कोयला परिवहन पर अनुचित नियमित संग्रह शामिल है, जिससे भारी बेहिसाब आय का सृजन होने की बात सामने आई है.
जब्त किए गए सबूतों से यह भी संकेत मिलने की बात सामने आई है कि समूह ने लगभग रुपये का बेहिसाब नकद भुगतान किया है. कोल वाशरीज की खरीद में 45 करोड़ रु के साथ कई और भी सबूत मिले हैं, जिसमें इस बात की भी आशंका है कि हाल ही में हुए चुनावों के दौरान भी यह धन खर्च हुआ था.
इसके अलावा आयकर विभाग के अनुसार
तलाशी के दौरान बड़ी संख्या में संपत्ति के समझौते मिले हैं, जिससे पता चलता है कि अचल संपत्तियों के अधिग्रहण में भारी अघोषित निवेश किया गया है, जो कि प्रकृति में बेनामी प्रतीत होते हैं. सरकारी अधिकारी से संबंधित कथित मालिकों द्वारा 50 एकड़ अचल संपत्तियों के अधिग्रहण में किए गए निवेश के स्रोत की जांच की जा रही है. आय से ज्यादा नगदी, जेवर और कई अहम संपत्तियों के कागजात मिलने की बात सामने आई है. बताया जा रहा है कि जांच अभी भी जारी है.