छत्तीसगढ़ में आयकर विभाग की कार्रवाई लगातार जारी है। 6 जिलों में 30 से अधिक कारोबारियों व एक सरकारी अफसर के ठिकानों पर जांच चल रही है। कारोबारियों के संबंध एक राजनीतिक पार्टी से जुड़े हुए हैं। आईटी टीम को अभी तक 200 करोड़ रुपये से अधिक कलेक्शन के सबूत मिले हैं। कारोबारियों के घरों को पूरी तरह सील कर दिया गया है। जांच में सरकारी अधिकारियों को किए गए नकद भुगतान का पता चला है। आईटी का यह पूरा अभियान कोयला, परिवहन और उसे जुड़े लोगों के व्यवसाय वाले एक समूह से जुड़ा है। आईटी को चुनावों के दौरान भी अघोषित रूप से फंडिंग के सबूत मिले हैं। टीम ने जांच के दौरान 9.5 करोड़ रुपये से अधिक की अघोषित नकदी और लगभग 5 करोड़ रुपये के आभूषण जब्त किए हैं। कई लॉकर भी सीज किए गए हैं।
बता दें कि आयकर विभाग ने 30 जून को कोयला-परिवहन और इससे जुड़े व्यवसाय वाले एक समूह पर तलाशी एवं जब्ती अभियान शुरू किया है। सीएमओ में पदस्थ एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के घर आईटी ने दबिश दी है। आईटी की टीम ने रायपुर, भिलाई, रायगढ़, कोरबा, बिलासपुर, सूरजपुर जिले में 30 से अधिक घर और दफ्तरों में सर्च अभियान चलाया। आईटी ने रायपुर में अनुपम नगर स्थित सूर्यकांत तिवारी, कोरबा के ट्रांसपोर्टर और कोयला व्यवसायी हेमंत जायसवाल के पुरानी बस्ती स्थित आवास, महासमुंद में लक्ष्मीकांत तिवारी और ठेकेदार अजय नायडू, रायगढ़ के जय अंबे ट्रांसपोर्ट कंपनी के संचालक रिंटू सिंह के आशीर्वाद पुरम कालोनी स्थित घर व दफ्तर और भिलाई के स्थित सूर्या रेंसीडेंसी स्थिति एक अफसर के घर आयकर का छापा पड़ा मारा था। इनके रिश्तेदारों के यहां भी कुछ टीमों ने जांच की है। कुछ जगहों पर 6 दिनों से जांच चल रही है। कुछ जगहों पर पूरी भी हो गई है।
बेहिसाब संपत्ति का खुलासा, गलत तरीके से कलेक्शन
पीआईबी के मताबिक तलाशी अभियान के दौरान दोषी ठहराने वाले कई दस्तावेज, खुली अकाउंट शीट्स और डिजिटल साक्ष्य मिले हैं। उन्हें जब्त कर लिया गया है। समूह द्वारा अपनाई गई कार्यप्रणाली में प्रदेशभर में कोयला परिवहन पर गलत तरीके से नियमित कलेक्शन शामिल है, जिससे भारी बेहिसाब संपत्ति जमा किया गया है। आईटी टीम को कम समय में 200 करोड़ रुपये से अधिक के कलेक्शन के सबूत मिले हैं। समूह के प्रमुख सहयोगियों ने भी इसकी पुष्टि की है। प्रदेश के सरकारी अधिकारियों को किए गए कुछ नकद भुगतानों की भी पहचान की गई है।
कोल वाशरीज खरीदी में 45 करोड़ का नकद भुगतान
अफसरों के मुताबिक जब्त किए गए सबूतों संकेत मिले हैं कि समूह ने कोल वाशरीज की खरीद में लगभग 45 करोड़ रुपये का बेहिसाब नकद भुगतान किया है। समूह ने चुनावों के दौरान नकदी खर्च किया है, जिसके सबूत आईटी को मिले हैं। जांच में बड़ी संख्या में संपत्ति के समझौते मिले हैं, जिससे पता चलता है कि अचल संपत्तियों की खरीदी में भारी अघोषित निवेश किया गया है, जिसकी प्रकृति बेनामी प्रतीत होती है।
अरबों रुपये की आय दिखाने से बचने का प्रयास किया
सरकारी अधिकारी से संबंधित कथित मालिकों द्वारा 50 एकड़ अचल संपत्तियों के अधिग्रहण में किए गए निवेश के स्रोत की जांच की जा रही है। आईटी की टीम ने जांच के दौरान 9.5 करोड़ रुपये नकद और 4.5 से 5 करोड़ रुपये के आभूषण अब तक जब्त किए हैं। दस्तावेजों की पड़ताल में मिले सबूतों की प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि समूह ने कई सौ करोड़ रुपये की आय दिखाने से बचने का प्रयास किया है। मामले में आगे की जांच जारी है।