कोरिया। छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में गरीबी की मार बहुत सारे बच्चों को छोटी उम्र में ही दो जून की रोटी कमाने के लिए जान पर खेलने को मजबूर कर देती है। उनके करतब ऐसे होते हैं जिन्हें देखकर हम और आप हैरत में पड़ जाते हैं। पढ़ने-लिखने की उम्र में कई बच्चें सड़कों पर जद्दोजहद करते देखे जाते हैं। यह मामला मनेन्द्रगढ़ का है।
मिली जानकारी के अनुसार, सड़क के किनारे अक्सर छोटे मासूम बच्चे जिस तरह के कारनामे दिखाते मिल जाते हैं। वह आपके और हमारे वश के बाहर की बात है। सक्ती जिले से मनेन्द्रगढ़ आकर एक ऐसी ही बच्ची अपने परिवार की
आजीविका का साधन बनी हुई है, जो मनेन्द्रगढ़ के चौक चौराहों में करतब के सहारे अपने परिवार की आजीविका चला रही है। 6 वर्षीय बच्ची कभी रस्सी पर दौड़ती तो कभी रस्सी पर अपने दोनों पैरों को साधते हुए नृत्य करती नज़र आ रहीं है।
रस्सी के एक सिरे से दूसरे सिरे तक वह हवा में लहराते हुए एक लाठी के सहारे संतुलन बनाते हुए पहुंच जाती है। करतब दिखाने के बाद वह रस्सी से नीचे आकर लोगों की भीड़ में रुपये लेने पहुंच गई। खास बात यह है, कि चार सदस्यों का यह परिवार दो सायकल को मालवाहक की तरह बनाए है और उसमें एक सांउड बाक्स के साथ करतब दिखाने वाली सामग्री रखे हैं। इसी वाहन पर बैठकर पूरा परिवार यात्रा करता है।