लखनऊ. GST Council की 45वीं बैठक कल उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में होगी. सुबह 11 बजे होने वाली इस बैठक की अध्यक्षता वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण करेंगी, बैठक में सभी राज्यों के वित्त मंत्री हिस्सा लेंगे. GST काउंसिल की इस बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है, जिसका असर कारोबारियों से लेकर आम आदमी पर पड़ेगा.
पेट्रोल-डीजल को GST में लाने पर चर्चा एक बार फिर जोर पकड़ चुकी है. कल होने वाली GST काउंसिल की बैठक में पेट्रोलियम उत्पादों को GST के दायरे में लाने पर चर्चा हो सकती है. दरअसल, जीएसटी सिस्टम में अगर कोई भी बदलाव करना हो तो उसमें पैनल के तीन-चौथाई से अप्रूवल की जरूरत होती है. इसमें सभी राज्यों और क्षेत्रों के प्रतिनिधि शामिल होंगे. हालांकि इस प्रस्ताव में से कुछ ने फ्यूल को जीएसटी में शामिल करने का विरोध किया है क्योंकि उनका कहना है कि ऐसे में केंद्र सरकार को एक प्रमुख राजस्व जुटाने वाला टूल सौंप देंगे.
फूड डिलिवरी ऐप्स Zomato, Swiggy जैसे क्लाउड किचन से खाना मांगने पर GST लगाने पर काउंसिल में विचार हो सकता है. कमेटी के फिटमेंट पैनल ने काउंसिल से फूड डिलिवरी ऐप्स को कम से कम 5 परसेंट GST के दायरे में लाने की सिफारिश की है. काउंसिल के फिटमेंट पैनल ने सिफारिश की है कि फूड एग्रीगेटर को ई-कॉमर्स ऑपरेटर माना जाए. ऐसे में Swiggy, Zomato से ऑनलाइन खाना मंगाना आपको महंगा पड़ सकता है.
इसके अलावा GST कंप्लायंस से संबंधित और कॉमन GST e-portal को लेकर भी घोषणा की जा सकती है. साथ ही फार्मा सेक्टर से जुड़े कुछ ऐलान भी संभव हैं. GST काउंसिल राज्यों को मिलने वाले कंपनसेशन सेस को 2022 के आगे बढ़ाने पर भी विचार कर सकता है. इस बैठक में कोविड-19 से संबंधित आवश्यक सामानों पर रियायती दरों की समीक्षा भी हो सकती है. COVID से लड़ने के लिए कई प्रोडक्ट्स और सर्विसेज पर GST पर दिए जाने वाली राहत को भी आगे बढ़ाया जा सकता है. यानी ये बैठक आम जनता के लिए भी कई मामले में महत्वपूर्ण है.