‘नए भारत में महिला शक्ति का परचम’, मोदी ने क्यों कही ये बात….!

 

Narendra Modi Sheopur: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने आज (17 सितंबर को) अपने जन्मदिन (Birthday) के मौके पर मध्य प्रदेश (MP) के श्योपुर (Sheopur) में महिलाओं के सेल्फ हेल्प ग्रुप (SHG) से संवाद किया. पीएम मोदी ने कहा कि नए भारत में महिला शक्ति का परचम दिखा. देश के विकास में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है. जान लें कि इससे पहले पीएम मोदी ने आज कूनो नेशनल पार्क (Kuno National Park) में नामीबिया (Namibia) से आए चीतों (Cheetahs) को भी छोड़ा और चीता प्रोजेक्ट (Cheetah Project) का उद्घाटन किया.

मां को लेकर पीएम मोदी ने क्या कहा?

पीएम मोदी ने कहा कि आज के दिन आम तौर पर मेरा प्रयास रहता है कि मैं मेरी मां के पास जाऊं, उनके चरण छूकर आशीर्वाद लूं. लेकिन आज मैं मां के पास नहीं जा सका, लेकिन मध्य प्रदेश के आदिवासी अंचल की, अन्य समाज की, गांव-गांव में मेहनत करने वाली लाखों माताएं आज मुझे यहां आशीर्वाद दे रही हैं. ये दृष्य आज मेरी मां जब देखेंगी तो जरूर संतोष होगा कि भले बेटा आज यहां नहीं गया, लेकिन लाखों माताओं ने आशीर्वाद दिया है. मेरी मां को आज ज्यादा प्रसन्नता होगी.

75 साल बाद चीता भारत लौटने पीएम मोदी खुश

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि विश्वकर्मा जयंती पर स्वयं सहायता समूहों का इतना बड़ा सम्मेलन, अपने आप में बहुत विशेष है. मैं आप सभी को, सभी देशवासियों को विश्वकर्मा पूजा की भी शुभकामनाएं देता हूं. मुझे आज इस बात की भी खुशी है कि भारत की धरती पर अब 75 साल बाद चीता फिर से लौट आया है. अब से कुछ देर पहले मुझे कूनो नेशनल पार्क में चीतों को छोड़ने का सौभाग्य मिला.

पंचायत भवन से राष्ट्रपति भवन तक नारीशक्ति का परचम

पीएम मोदी ने कहा कि आज इस मंच से पूरे विश्व को संदेश देना चाहता हूं कि आज जब करीब-करीब 75 वर्ष बाद आठ चीतें हमारे देश की धरती पर लौट आए हैं. अफ्रीका से हमारे मेहमान आए हैं, इन मेहमानों के सम्मान में हम सभी इनका स्वागत करें. पिछली शताब्दी के भारत और इस शताब्दी के ‘नए भारत’ में एक बहुत बड़ा अंतर हमारी नारी शक्ति के प्रतिनिधित्व के रूप में आया है. आज के नए भारत में पंचायत भवन से लेकर राष्ट्रपति भवन तक नारीशक्ति का परचम लहरा रहा है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जिस भी सेक्टर में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ा है, उस क्षेत्र में, उस कार्य में सफलता अपने आप तय हो जाती है. स्वच्छ भारत अभियान की सफलता इसका बेहतरीन उदाहरण है, जिसको महिलाओं ने नेतृत्व दिया है.

error: Content is protected !!