IAS Officer ने शेयर की अपनी 10th Marksheet! अंग्रेजी में 35, गणित में 36, विज्ञान में आए थे 38 नंबर

 

IAS Officer 10th Marksheet: हम जानते हैं कि ग्रेड हमारे जीवन या करियर को तय नहीं करते हैं, और मार्टिन लूथर किंग जूनियर ने एक बार कहा था, ‘इंटेलिजेंस प्लस कैरेक्टर- यही सच्ची शिक्षा का लक्ष्य है.’ फिलहाल, आज के समय में किसी भी पढ़ाई में छात्रों पर दबाव रहना है, क्योंकि हर छात्र चाहता है कि उसका ग्रेड नीचे न हो वरना भविष्य खराब हो सकता है. खराब स्कोर करने वाले छात्र ऐसा मानते हैं कि कम अंकों से भविष्य में कहीं जगह नहीं मिलेगी, लेकिन ऐसा नहीं है. अगर आप दृढ़ संकल्प कर लें तो किसी भी परिस्थिति में आप सफलता पा सकते हैं. कुछ ऐसा ही एक आईएएस अधिकारी ने करके दिखाया है.

IAS अधिकारी की मार्कशीट हुई वायरल

जब भी आईएएस अधिकारियों की बात होती है तो लोगों के मन में यह धारणा रहती है कि वे अपनी कक्षाओं में हमेशा टॉपर रहे होंगे, लेकिन यह धारणा गलत साबित हुई है. पिछले कुछ वर्षों में, एलोन मस्क और आईएएस अधिकारी शाहिद चौधरी जैसी कई जानी-मानी हस्तियों ने परीक्षा के अंकों से अधिक प्रतिभा का समर्थन किया है. स्कूल में अपने बच्चों के स्कोर और रैंक के प्रति माता-पिता के जुनून को बदलने के लिए, कई IAS अधिकारियों ने अपनी बोर्ड परीक्षा की मार्कशीट सोशल मीडिया पर डाल दी है. आईएएस अधिकारी अवनीश शरण ने अपनी मार्कशीट शेयर की थी, जिसके बाद उन्होंने भरूच के कलेक्टर तुषार सुमेरा की भी मार्कशीट शेयर की.

IAS अवनीश शरण ने की थी शेयर

IAS Officer अवनीश शरण ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर आईएएस तुषार सुमेरा की 10वीं की मार्कशीट ट्विटर पर शेयर की. आईएएस अवनीश के ट्वीट में दो तस्वीरें हैं. उनमें से एक भरूच के कलेक्टर तुषार सुमेरा को दिखलाता है, और दूसरा उसकी मार्कशीट दिखाता है जिसमें उसकी कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षा के लिए प्राप्त अंकों की सूची है.

इन विषयों में मिले थे बेहद ही कम नंबर

इसे देखने पर आपको पता चलेगा कि उन्होंने मुश्किल से पासिंग मार्क्स हासिल किए हैं. उन्हें अंग्रेजी में 35, गणित में 36 और विज्ञान में 100 में से 38 अंक मिले. अधिकारी अवनीश ने कैप्शन में लिखा, ‘भरूच के कलेक्टर तुषार सुमेरा ने अपनी दसवीं की मार्कशीट शेयर करते हुए लिखा है कि उन्हें दसवीं में सिर्फ पासिंग मार्क्स आए थे. उनके 100 में अंग्रेजी में 35, गणित में 36 और विज्ञान में 38 नंबर आए थे. ना सिर्फ पूरे गांव में बल्कि उस स्कूल में यह कहा गया कि यह कुछ नहीं कर सकते.’ आज वह न सिर्फ माता-पिता, गांव, शहर व देश का नाम गर्व से ऊंचा कर दिया.

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