सूरत-भावनगर में किया रोडशो- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने

 

इस साल के आखिर में होने वाले गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को यहां एक रोडशो किया और कहा कि डायमंड रिसर्च एंड मर्केंटाइल (ड्रीम) सिटी परियोजना पूरी हो जाने के बाद सूरत, विश्व के सबसे सुरक्षित और सुविधाजनक हीरा व्यापार के केंद्र के रूप में विकसित होगा. प्रधानमंत्री ने बाद में भावनगर में भी एक रोडशो किया. इस दौरान महिलाओं ने प्रधानमंत्री पर फूल बरसाए और कलाकारों ने जगह-जगह लोकनृत्य भी किए. सूरत के लिंबायत में प्रधानमंत्री ने 3400 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण करने के बाद एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि सूरत के कपड़ा और हीरा कारोबार से देश भर के अनेक परिवारों का जीवन चलता है. उन्होंने कहा, ”ड्रीम सिटी परियोजना जब पूरा हो जाएगी तो सूरत, विश्व के सबसे सुरक्षित और सुविधाजनक डायमंड ट्रेडिंग केंद्र के रूप में विकसित होगा. वह दिन दूर नहीं जब सूरत दुनियाभर के हीरा कारोबारियों व कंपनियों के लिए एक आधुनिक कार्यालय स्थल के रूप में पहचाना जाएगा.

” प्रधानमंत्री ने इससे पहले, खजोद गांव के निकट 700 हेक्टेयर में फैले महत्वाकांक्षी ड्रीम सिटी के मुख्य प्रवेश द्वार का उद्घाटन किया. ड्रीम सिटी परियोजना को सूरत में हीरा कारोबार के तेजी से विकास को बढ़ावा देने के लिए वाणिज्यिक और आवासीय स्थान की बढ़ती मांग को पूरा करने के दृष्टिकोण के साथ शुरू किया गया है. प्रधानमंत्री ने परियोजना के दूसरे चरण की आधारशिला भी रखी. मोदी ने कहा कि सूरत के कपड़ा उद्योग का एक बड़ा बाजार काशी और पूर्वी उत्तर प्रदेश से भी जुड़ा हुआ है और यहां से बड़ी संख्या में ट्रकों के जरिए सामान पूर्वी उत्तर प्रदेश भेजा जाता रहा है. उन्होंने कहा, ”अब सूरत से काशी के लिए पूरी एक नई ट्रेन ही चलाने की कोशिश हो रही है. ये ट्रेन, सूरत से माल-सामान काशी तक ले जाया करेगी. इसका बहुत बड़ा लाभ सूरत के व्यापारियों को होगा, यहां के कारोबारियों को होगा, यहां के मेरे श्रमिक भाइयों-बहनों को होगा. सूरत में हवाईअड्डा के निर्माण के लिए भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली तत्कालीन सरकार द्वारा की गई मशक्कतों का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि मुख्यमंत्री के रूप में तत्कालीन केंद्र सरकार को वह बताते-बताते थक गए थे कि सूरत को हवाईअड्डा की जरूरत क्यों है और इस शहर का सामर्थ्य क्या है. केंद्र में गुजरात में भाजपा की सरकार होने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ”यही स्थिति मेट्रो को लेकर भी थी. लेकिन आज जब डबल इंजन की सरकार है तो स्वीकृति भी तेज़ गति से मिलती है और काम भी उतनी ही तेजी से होता है.

” प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 20 वर्षों में सूरत ने देश के बाकी शहरों की अपेक्षा बहुत अधिक और तेजी से प्रगति की है. मोदी ने कहा कि सूरत शहर लोगों की एकजुटता और जनभागीदारी का बहुत ही शानदार उदाहरण है और हिन्दुस्तान का कोई प्रदेश ऐसा नहीं होगा, जहां के लोग सूरत में न रहते हों.

उन्होंने कहा, ”सूरत की सबसे बड़ी खासियत ये है कि ये शहर श्रम का सम्मान करने वाला शहर है.” आयुष्मान भारत योजना का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इसके तहत देश में अभी तक लगभग चार करोड़ गरीब मरीजों को मुफ्त इलाज मिल चुका है और इसमें से 32 लाख से अधिक मरीज गुजरात के हैं और लगभग सवा लाख सूरत से हैं. उन्होंने कहा कि बीते दो दशकों से विकास के जिस पथ पर सूरत चल पड़ा है, वह आने वाले सालों में और तेज होने वाला है.

उन्होंने कहा, ”यही विकास आज डबल इंजन (केंद्र और राज्य) सरकार पर विश्वास के रूप में झलकता है. जब विश्वास बढ़ता है तो प्रयास बढ़ता है और सबके प्रयास से राष्ट्र के विकास की गति तेज होती है.” इससे पहले, प्रधानमंत्री ने शहर के घोडादरा से लिंबायत इलाके तक 2.5 किलोमीटर के रोडशो का नेतृत्व किया. कार के अंदर बैठे प्रधानमंत्री ने सुबह से ही सड़क को दोनों तरफ खड़े लोगों का हाथ हिलाकर अभिवादन किया. सुबह से ही उनके स्वागत के लिए लोग सड़क किनारे खड़े दिखे.

प्रधानमंत्री ने जिन परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया, उनमें जल आपूर्ति, जल निकासी, जैव विविधता पार्क और अन्य विकास कार्यों जैसे सार्वजनिक बुनियादी सुविधाएं, विरासत सुरक्षा, सिटी बस, बीआरटीएस बुनियादी सुविधाएं, इलेक्ट्रिक वाहन से जुड़ी आधारभूत सुविधाओं के कार्य शामिल हैं. इन परियोजनाओं में केंद्र और राज्य सरकार द्वारा संयुक्त विकास कार्य भी शामिल हैं. वह डॉ. हेडगेवार ब्रिज से भीमराड-बमरोली ब्रिज तक 87 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में बन रहे जैवविविधता पार्क की आधारशिला रखेंगे. प्रधानमंत्री सूरत के विज्ञान केंद्र में खोज संग्रहालय का भी उद्घाटन करेंगे. बच्चों के लिए निर्मित, संग्रहालय में इंटरैक्टिव डिस्प्ले, प्रश्नोत्तरी-आधारित गतिविधियां और जिज्ञासा-आधारित क्रियाकलाप होंगे. गुजरात में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं और सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) राज्य में सत्ता बरकरार रखने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है.

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