आरोपियों को सजा-ए-मौत ही उपयुक्त सजा : रिजवी
रायपुर। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के मीडिया प्रमुख, मध्यप्रदेश पाठ्यपुस्तक निगम के पूर्व अध्यक्ष, पूर्व उपमहापौर तथा वरिष्ठ अधिवक्ता इकबाल अहमद रिजवी ने कहा है कि उत्तर प्रदेश के प्रयागराज स्थित अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष प्रख्यात संत महंत नरेन्द्र गिरि को आत्महत्या के लिए बाध्य करने वाले आरोपियों के लिए सजा-ए-मौत की सजा को उपयुक्त माना है तथा उत्तर प्रदेश सरकार से इस खुदकुशी के लिए बाध्य किए जाने वाली घटना की जांच सी.बी.आई. से करवाने की मांग करते हुए इस प्रकरण की सुनवाई फास्ट ट्रेक कोर्ट में करवाने की अपेक्षा योगी आदित्यनाथ सरकार से की है। नरेन्द्र गिरि का सुसाईड नोट मृत्यु पूर्व कथन के समान सजा दिलवाने के लिए दंड विधान में पर्याप्त साक्ष्य है।
उन्होंने आगे कहा है कि उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के शामली नगर में मुस्लिम परिवार के इकलौते कमाने वाले 20 वर्षीय युवा समीर की माब लिचिंग में लिप्त हत्यारों को सजा-ए-मौत की मांग उत्तर प्रदेश की न्यायपालिका से करते हुए कहा है कि माब लिचिंग रोक पाने में अभी तक भाजपा शासित राज्य असफल सिद्ध हुए है जो उत्तर प्रदेश की ला एण्ड आर्डर स्थिति पर प्रश्न चिन्ह खड़े करती है वैसे भी भीड़ हत्या भाजपा शासित राज्यों की ही देन है। उन्होंने मुख्यमंत्री से शहीद समीर के परिवार को एक करोड़ रूपया मुआवजा तथा परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दिए जाने की मांग की है।