परिस्थितियां अस्थिर होती हैं, इसलिए न लें तनाव : डॉ. बसोड़

 

विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर जिला चिकित्सालय में हुआ जागरूकता कार्यक्रम

राजनांदगांव (दैनिक पहुना)। सकारात्मक और नकारात्मक घटनाएं जीवन के दो पहलू हैं और दोनों ही परिस्थितियां स्थिर न रहकर समय-समय पर बदलती रहती हैं, इसलिए विपरित परिस्थिति आने पर तनाव नहीं लेना चाहिए और इसका सामना करना चाहिए। सकारात्मक सोच लेकर आगे बढ़ा जाए तो मानसिक रोग अथवा अवरोधों से सहजता से बचा जा सकता है। वहीं अगर कोई जन्म से ही मानसिक विकृति से पीड़ित हो तो सबसे पहले चिकित्सक की सलाह लेना चाहिए, ताकि शुरुआत में ही पीड़ित का उपचार किया जा सके। यह बातें मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर जिला चिकित्सालय में आयोजित जागरूकता कार्यक्रम में सीएमएचओ डॉ. अशोक कुमार बसोड़ ने कही है।
विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर स्वास्थ्य विभाग तथा मनोचिकित्सा विभाग की ओर से जिले के 293 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स और 51 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों सहित सभी सरकारी स्कूल और कॉलेजों में श्मेक मेंटल हेल्थ एंड वेल बींग फॉर ऑल अ ग्लोबल प्रॉयोरिटी (मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण को सभी के लिए एक वैश्विक प्राथमिकता बनाएं) थीम पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए। वहीं विशेष शिविर के माध्यम से मनोरोग से पीड़ितों की स्क्रीनिंग व काउंसिलिंग की गई। इस दौरान कार्यक्रम में उपस्थित चिकित्सा विशेषज्ञों तथा नशा मुक्ति केंद्रों से जुड़े लोगों ने मानसिक असंतुलन के लक्षण, कारण तथा इससे बचाव संबंधी उपायों के बारे में विस्तृत चर्चा की। वक्ताओं ने कहाः लोगों में एंग्जाइटी व डिप्रेशन बढ़े हैं। गुजरे दो साल में कोरोना संक्रमण के साइड इफेक्ट के रूप में भी मानसिक बीमारी का आकड़ा बढ़ा है। यही नहीं, नशा, मोबाइल फोन, कंप्यूटर या टेलीविजन के लगातार उपयोग, आर्थिक तंगी व घरेलू कलह के कारण भी लोग मानसिक रोग की जद में आ रहे हैं। ऐसे में मानसिक स्वास्थ्य को लेकर लोगों में जागरूकता जरूरी है। झाड़-फूंक में समय गंवाने की बजाय मानसिक अस्वस्थता की शुरुआत में ही जांच कराई जाए या उपचार शुरू कर दिए जाएं तो किसी भी मानसिक बीमारी पर नियंत्रण किया जा सकता है।
जिला चिकित्सालय में आयोजित कार्यक्रम के अवसर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. अशोक कुमार बसोड़ ने कहाः आमजन में मानसिक रोग और उसके निवारण को लेकर जागरूकता लाना ही मानसिक स्वास्थ्य दिवस का उद्देश्य है। मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे पर जागरूकता लाने और दुनिया भर में लोगों को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के लिए जिले भर में कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। विभिन्न माध्यमों से आमजन के बीच महत्वपूर्ण जानकारियां बांटी जा रही हैं, ताकि लोग इस बीमारी को समझते हुए रोग की गंभीरता का ध्यान रखें और खुद तथा अपने करीबियों को भी स्वस्थ रखने में सहयोग कर सकें।
वहीं जिला गैर-संचारी रोग सलाहकार विकास राठौर ने कहाः जैसे-जैसे मानसिक स्वास्थ्य के बारे में हमारी समझ बढ़ती है, हम इसके साथ.साथ बढ़ते हैं। विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस यह सुनिश्चित करता है कि मानसिक स्वास्थ्य को एक मुद्दे के रूप में उजागर किया जाए और यह सार्वजनिक चेतना में बना रहे। यह दिन मानसिक स्वास्थ्य देखभाल, पेशेवरों के लिए अपने काम पर चर्चा करने और लोगों तक मानसिक स्वास्थ्य देखभाल सुनिश्चित करने के तरीके खोजने के अवसर पैदा करता है। मानसिक स्वास्थ्य के बारे में लोगों को शिक्षित और जागरूक करने के लिए हर वर्ष 10 अक्टूबर को यह दिवस मनाया जाता है। इस दिन मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों पर काम करने वाले सभी हितधारकों को अपने काम के बारे में बात करने का मौका मिलता है और इस बात पर भी चर्चा होती है कि इस बारे में और क्या करने की जरूरत है।

error: Content is protected !!