UPSC Success Story, IAS Sreedhanya Suresh Success Story: हर साल UPSC परीक्षा से कई ऐसी कहानियां सामने निकलकर आती हैं जो दिल को छू लेती हैं और लोगों को मुश्किल हालात में भी हार न मानने का सबक़ देती हैं. ऐसे ही एक कहानी है IAS Sreedhanya Suresh की, जिन्होंने यह साबित कर दिया कि मुश्किल से मुश्किल परिस्थितियों में भी सच्ची मेहनत और लगन से सफलता हासिल की जा सकती है.
श्रीधन्या आर्थिक रूप से बहुत ही कमज़ोर परिवार से आती हैं. उनके पिता मनरेगा में मज़दूरी करते थे और बचे हुए समय पर धनुष-तीर बेचकर जीविका चलाते थे. उनके घर की आर्थिक स्थिति इतनी कमज़ोर थी कि सरकार से जमीन मिलने के बावजूद उनका परिवार घर नहीं बनवा पा रहा था.
ऐसी विषम परिस्थितियों में भी श्रीधन्या सुरेश ने वर्ष 2018 में न केवल UPSC परीक्षा पास की, बल्कि उन्होंने दो 410वीं रैंक भी हासिल की थी. इसके साथ ही श्रीधन्या, UPSC परीक्षा पास करने वाली केरल की पहली आदिवासी लड़की भी बनीं थीं. UPSC परीक्षा देने से पहले श्रीधन्या ने अनुसूचित जन जाति विकास विभाग में क्लर्क के तौर पर भी नौकरी की थी. इसके बाद उन्होंने वायनाड के एक आदिवासी हॉस्टल में वार्डन के तौर पर कार्य किया था. यहीं पर वे UPSC की तैयारी करने के लिए प्रेरित हुईं.
श्रीधन्या ने वर्ष 2016 एवं 2017 में भी UPSC परीक्षा दी थी. लेकिन दोनों ही प्रयास में वे सफल नहीं हो पाई थीं. लेकिन असफलताओं से हार मानने की जगह उन्होंने और अधिक मेहनत की और 2018 में यूपीएससी में 410वीं रैंक प्राप्त कर अपने परिवार और समाज का नाम रोशन किया. हालात यह थे कि जब तीसरे प्रयास में उनका इंटरव्यू के लिए सेलेक्शन हुआ तो उनके पास दिल्ली आने के भी पैसे नहीं थे. तब उन्होंने अपने दोस्तों से पैसे मांग कर दिल्ली जाकर इंटरव्यू दिया.
श्रीधन्या एक इंटरव्यू में कहती हैं कि वे राज्य के सबसे पिछड़े ज़िले से आती है, जहां पर कोई भी आदिवासी IAS अधिकारी नहीं है. वे चाहती हैं कि वे आने वाली पीढ़ियों के लिए सभी परेशानियों को दूर करने में वे प्रेरणा का काम करें.