नई दिल्ली. आतंकी वारदात को अंजाम देने के बाद जो मोबाइल फोन या लैपटाप इस्तेमाल करते हैं उसका डेटा रिकवर करना जांच एजेंसियों के लिए बहुत बड़ी चुनौती होती है. हालांकि अब 4 देशों ने मिलकर ऐसी तकनीक बनाई है, जिससे आतंकियों का डेटा तुरंत रिकवर हो सकेगा. इस तकनीक का नाम चेकमेट और चेकरेन रखा गया है, जिसे चेक रिपब्लिक, साइप्रस, भारत और अमेरिका की कंपनियों ने मिलकर विकसित किया है. इस तकनीक के 2 सबसे बड़े फायदे होंगे… पहला तो डेटा तुरंत रिकवर हो जाएगा और दूसरा फॉरेंसिक जांच पर आने वाला खर्च भी एक चौथाई घट जाएगा.
दरअसल उच्च तकनीक के मोबाइल फोन होने के नाते और मोबाइल फोन डेटा और मोबाइल फोन की फाइल को आतंकी इंक्रिप्ट कर देते हैं. उन्हें आतंकवादियों के अलावा कोई नहीं खोल सकता है. लेकिन इंक्रिप्शन क्रैकिंग तकनीक पर आधारित इस सॉफ्टवेयर से जांच एजेंसी को मोबाइल का डेटा तुरंत हासिल करने में मदद मिलेगा.
फिलहाल अलग-अलग तकनीक का होता है इस्तेमाल
मौजूदा हालात में भारत के पास फॉरेंसिक जांच का जो इंफ्रास्ट्रक्चर है, उसमें हमारी तकनीक उस स्तर पर नहीं पहुंच पाई है कि आतंकियों के फोन कोड को क्रैक कर पाए. यहां पर एजेंसियां मोबाइल फोन के पासवर्ड नहीं तोड़ पाते. इस पासवर्ड को तोड़ने के लिए अलग-अलग तकनीक का इस्तेमाल होता है.
चेक मेट और चेक रेन तकनीक इन सारी दिक्कतों को दूर करेगी. खास बात यह है कि इस तकनीक को विकसित करने वाले जो लोग हैं, वह सिर्फ पुलिस या जांच एजेंसी यानी लॉ इनफोर्समेंट एजेंसी को ये ही ये बेचेंगे. इस तकनीक के इस्तेमाल से मोबाइल के इनक्रिप्शन और पासवर्ड को तोड़कर उसके अंदर पड़े डेटा को एक्वायर किया जाता है.
फिलहाल हरियाणा और तेलंगाना पुलिस ने इस तकनीक के इस्तेमाल में रुचि दिखाई है और दिल्ली फॉरेंसिक लैब रोहिणी को भी इसका प्रेजेंटेशन दिया जा चुका है. इसके बाद आने वाले दिनों में कानूनी एजेंसी की देशव्यापी स्तर पर ऐसी उच्च तकनीक को इस्तेमाल करने की योजना है.