जल जीवन मिशन के कार्यों की गुणवत्ता पर ध्यान दें : मुख्यमंत्री बघेल

 

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज भेंट मुलाकात के दौरान शिवरीनारायण में अधिकारियों की समीक्षा बैठक में कहा कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत संचालित पेयजल योजनाओं के कामों की गुणवत्ता में सुधार किए जाने की जरूरत है। इस क्षेत्र के कुछ ग्रामों में शिकायत आई है। इसका समाधान होना चाहिए। अंचल के कुछ ग्रामों में डूबान क्षेत्रों के किसानों को मुआवजा राशि अभी तक नहीं मिल सकी है। उन्होंने कलेक्टर को पहल कर किसानों को राशि दिलाने को कहा है। श्री बघेल ने सिंचाई परियोजना के अंतर्गत टेल एरिया के खेतों तक पानी पहुंचाने की ठोस कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा की शासकीय भूमि में अतिक्रमण की कार्रवाई ग्रामीणों की सहमति से किया जाए। यथासंभव बल का प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए। समझने से लोग समझ जायेंगे।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि शासन की छोटी छोटी अनुदान राशि गरीबों के लिए महत्वपूर्ण है। इसे प्राप्त करने के लिए उन्हें दफ्तर के बार बार चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ने चाहिए। इसका विशेष रूप से ध्यान रखा जाए।

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि शासन द्वारा की गई घोषणाएं प्राथमिकता से और समय सीमा में पूर्ण करें। इसे लागू करने एवं अमल में लाने में विलंब नहीं होने चाहिए। उन्होंने कहा कि धान कटाई का मौसम शुरू होने वाला है। बड़ी मात्रा में पैरा खेत में रहेगा। इसे गौठान को दान करने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जाए। इस संबंध में जनजागरुकता के कार्यक्रम किए जाएं। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि प्रशासन को अब स्वावलंबी गौठान के अलावा नए गौठानों पर भी ध्यान देना चाहिए। बघेल ने कहा कि यहां से बड़ी संख्या में लोग बाहर काम के लिए जाते हैं। यदि गौठान और रीपा गतिविधियां अच्छी तरह से संचालित हाेगीं, तो पलायन थमेगा, उन्हें अपने घर के आसपास ही काम मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शिवरीनारायण राज्य का प्रमुख धार्मिक व ऐतिहासिक पर्यटन स्थल है। यहां आने वाले पर्यटकों की सुविधा के लिए सरकार पर्याप्त सुविधाएं विकसित कर रही है। मुख्यमंत्री ने ग्रामीण के साथ साथ शहरी इलाकों की सड़कों की मरम्मत के लिए अभियान चलाने को कहा है। उन्होंने अवैध शराब, जुआ सट्टा, नशीली दवाइयों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। श्री बघेल ने बैठक में स्कूल शिक्षा गुणवत्ता बढ़ाने पर विशेष जोर दिया। न केवल शिक्षा विभाग बल्कि अन्य अफसर भी दौरे में स्कूलों का निरीक्षण करें। स्वामी आत्मानन्द स्कूलों के साथ अन्य स्कूलों की गुणवत्ता पर समान रूप से ध्यान देना है।

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