AAP निर्भर बना रही दिल्ली सरकार, हम बना रहे आत्मनिर्भर
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने गुरुवार को दिल्ली में दिल्ली में वेस्ट टू एनर्जी प्लांट (Waste To Energy Plant) का उद्घटान किया. इस दौरान उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए दिल्ली सरकार (Delhi Govt) पर जमकर निशाना साधा और कहा कि आम आदमी पार्टी लोगों को AAP निर्भर बनाना चाहती है, जबकि मोदी सरकार लोगों को आत्मनिर्भर बना रही है.
दिल्ली को कूड़ा मुक्त बनाने का काम: अमित शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने वेस्ट टू एनर्जी प्लांट (Waste To Energy Plant) के उद्घाटन के बाद कहा कि कुछ लोगों का कहना है कि इसका उद्घाटन चुनाव के कारण किया जा रहा है, लेकिन उनको क्या समझाया जाए. मोदी सरकार दिल्ली को कूड़ा मुक्त बनाने के लिए काम कर रही है. उन्होंने कहा कि यह प्लांट प्रतिदिन लगभग 2000 मीट्रिक टन कचरे का प्रबंधन करेगा, जिसके साथ ही इस संयंत्र द्वारा 25 मेगावाट हरित ऊर्जा का उत्पादन किया जाएगा. यह एक बहुआयामी, बहुउद्देश्यीय संयंत्र है.
आप लोगों को आपनिर्भर बनाना चाहती है: अमित शाह
अमित शाह (Amit Shah) ने कहा, ‘दिल्ली के सीएम केजरीवाल रोजाना प्रेस स्टेटमेंट देते हैं और बड़े विज्ञापन प्रकाशित करते हैं. उन्हें लगता है कि प्रेस इंटरव्यू विकास लाएगा और विज्ञापन प्रकाशित करके लोगों को गुमराह किया जा सकता है. आप दिल्ली को ‘आपनिर्भर’ बनाना चाहती हैं, जबकि हम दिल्ली को ‘आत्मनिर्भर’ बनाना चाहते हैं.’
विज्ञापन की राजनीति चाहिए या विकास की?
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने कहा कि हम एमसीडी के साथ अरविंद केजरीवाल के व्यवहार का लोकतांत्रिक तरीके से जवाब देंगे. मुझे विश्वास है कि हम एमसीडी की मदद से 2025 तक दिल्ली में दैनिक कचरा प्रसंस्करण सुविधाएं स्थापित करेंगे. भविष्य में कचरे के ऐसे ढेर और पहाड़ नहीं दिखेंगे. उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली के लोगों को तय करना है कि उन्हें विज्ञापन की राजनीति पसंद है या ‘विकास’ की राजनीति. लोगों को यह भी तय करना चाहिए कि उन्हें ‘प्रचार’ (अभियान) की राजनीति पसंद है या ‘परिवर्तन’ की राजनीति.
‘4 महीनों में 26 लाख मीट्रिक टन कचरे का निपटान’
दिल्ली के तुगलकाबाद में एमसीडी के कचरे से बिजली उत्पादन तेहखण्ड वेस्ट टू एनर्जी प्लांट (Waste To Energy Plant) के उद्घाटन कार्यक्रम में दिल्ली एलजी वीके सक्सेना ने कहा कि जून से लेकर सितंबर 2022 तक यानी 4 महीनों के अंदर लैंडफिल साइटों पर लगभग 26 लाख मीट्रिक टन कचरे का निपटारा किया गया है.