बढ़ती आपराधिक घटनाओं से प्रदेश की जनता दहशत में : भाजपा

 

रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश में बढ़ती अपराधिक घटनाओं को लेकर भाजपा ने प्रेस वार्ता कर सरकार से सवाल पूछे। प्रदेश प्रवक्ता केदार गुप्ता ,व्यापार प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक लाभचंद बाफना ,ने कहा छत्तीसगढ़ के लिए यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है कि मुख्यमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र में उनकी मौजूदगी के बावजूद कुछ किलोमीटर के फासले पर लुटेरे एक सराफा दुकान में घुसकर कारोबारी पर दनादन गोलियां दागते हैं और वारदात को अंजाम देने के बाद आराम से फरार हो जाते हैं क्योंकि पुलिस तो मुख्यमंत्री की सेवा में तैनात रहती है। राजधर्म को इससे भी अधिक शर्मसार करने वाली बात यह है कि इतनी संवेदनशील घटना के बावजूद मुख्यमंत्री अपने कार्यक्रम में स्वागत कराते हैं और पीड़ित परिवार से मिलने की संवेदनशीलता दिखाने की बजाय हेलीकॉप्टर से उड़ जाते हैं। यह कैसी निष्ठुर सरकार है कि गृहमंत्री थाने में रुककर समुचित निर्देश देने, पीड़ित परिवार के बीच जाने की जगह सायरन बजाते सीधे निकल जाते हैं। राज्य में अपराधों की बाढ़ आ गई है। मुख्यमंत्री, गृहमंत्री के साथ साथ दो अन्य मंत्रियों के जिले में सामूहिक नरसंहार हो रहा है। दिनदहाड़े कारोबारी को दुकान में घुसकर लूटा जा रहा है और उसकी हत्या की जा रही है।

जब मुख्यमंत्री सहित चार मंत्री अपने जिले को नहीं सम्हाल पा रहे हैं तो प्रदेश की कानून व्यवस्था की स्थिति का धनीधोरी कौन हो सकता है। मुख्यमंत्री के इलाके पाटन के अमलेश्वर में सराफा कारोबारी सुरेंद्र कुमार सोनी की हत्या के पूर्व कुम्हारी में एक परिवार की सामूहिक हत्या कर दी गई लेकिन सरकार का कलेजा नहीं पसीजा। पूर्व में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पाटन क्षेत्र में हुई 5 लोगों की हत्या रहस्य बन गई। जशपुर में सामूहिक हत्याकांड हो गया। इसके पहले भी सीमावर्ती क्षेत्र में तीन लोगों की हत्या कर दी गई। बिलासपुर में भी ज्वेलरी शॉप में घुसकर सराफा कारोबारी पर गोलियां चलाई गईं। बिलासपुर के ग्रामीण क्षेत्र में किराना दुकान पर रंगदारों ने दुकानदार के बेटे को गोली मार दी। प्रदेश में अपराधी तत्व निरंकुश हो गए हैं। अब तो झारखंड के गैंगस्टर भी छत्तीसगढ़ के कारोबारियों को वसूली के लिए धमाके करके धमका रहे हैं।

हर रोज हत्या, अपहरण, बलात्कार, सामूहिक बलात्कार, लूट, डकैती, चोरी, राहजनी जैसी वारदातें हो रही हैं। सट्टा कारोबार शिखर पर है। गृहमंत्री को भी यह पता है कि कहां कौन सट्टा चला रहा है लेकिन सत्ता पर सट्टा भारी पड़ रहा है। आखिर किसके संरक्षण में यह हो रहा है? कोयलाचोरी के मामले आम बात हैं। कोयला परिवहन में प्रति टन 25 रुपये की अवैध वसूली की कलई ईडी के छापे में खुल गई है। अफसरों के बंगले हीरे सोना और नकदी उगल रहे हैं। बेहिसाब संपत्ति के दस्तावेज मिल रहे हैं। आखिर यह कौन सा नेटवर्क है और इस पर किसका हाथ है, जो छत्तीसगढ़ अपराधगढ़ बन गया है। छत्तीसगढ़ की जनता जानना चाहती है कि छत्तीसगढ़ को चला कौन रहा है?

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