RBI आज से शुरू करेगा डिजिटल करेंसी : इन बैंकों के साथ हो रही शुरुआत

 

RBI देश की पहली डिजिटल करेंसी 1 नवंबर यानी मंगलवार से शुरू करेगा. पायलट प्रोजेक्ट के तहत सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी ( CBDC) जारी होगी. इसके लिए SBI, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, HDFC बैंक, ICICI बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, यस बैंक, IDFC फर्स्ट बैंक और HSBC को चुना गया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को पेश बजट के दौरान डिजिटल करेंसी जारी करने का ऐलान किया था.

डिजिटल करेंसी दो तरह की होगी- CBDC होलसेल और CBDC रिटेल. आज से शुरू हो रही डिजिटल करेंसी CBDC होलसेल है. इसका इस्तेमाल बड़े वित्तीय संस्थान जिसमें बैंक, बड़ी नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियां और दूसरे बड़े सौदे करने वाले संस्थान करेंगे. इसके बाद CBDC रिटेल जारी होगी. इसका इस्तेमाल लोग रोजमर्रा के लेनदेन के लिए कर सकेंगे.

मौजूदा करेंसी के बराबर होगी डिजिटल करेंसी की वैल्यू
e रू यानी डिजिटल करेंसी की वैल्यू भी मौजूदा करेंसी के बराबर ही होगी. इसको भी फिजिकल करेंसी की तरह ही एक्सेप्ट किया जाएगा. eरू से जेब में नगदी रखने की जरूरत नहीं पड़ेगी. यह भी मोबाइल वॉलेट की तरह काम करेगी. इसे रखने के लिए बैंक खाते की अनिवार्यता नहीं होगी. इससे कैशलेस पेमेंट कर सकेंगे. अनजान व्यक्ति को जानकारी शेयर करने की जरूरत नहीं पड़ेगी. निजता बरकरार रहेगी. सबसे पहले नगदी पर निर्भरता घटेगी. फिजिकल रुपए को छापने की लागत घटेगी. नगद अर्थव्यवस्था घटाने का लक्ष्य पाने में मदद मिलेगी. लेनदेन की लागत घटाने में भी मदद मिलेगी.

क्या डिजिटल करेंसी फायदेमंद साबित होगी?
डिजिटल करेंसी आने से सरकार के साथ आम लोगों और बिजनेस के लिए लेनदेन की लागत कम हो जाएगी. जैसे UAE में एक वर्कर को सैलरी का 50% हिस्सा डिजिटल मनी के रूप में मिलता है. इससे ये लोग अन्य देशों में मौजूद अपने रिश्तेदारों को आसानी से और बिना ज्यादा शुल्क दिए पैसे भेज सकते हैं. वर्ल्ड बैंक का अनुमान है कि अभी इस तरह दूसरे देशों में पैसे भेजने पर 7% से अधिक का शुल्क चुकाना पड़ता है, जबकि डिजिटल करेंसी के आने से इसमें 2% तक की कमी आएगी. इससे लो इनकम वाले देशों को हर साल 16 अरब डॉलर (1.2 लाख करोड़ रुपए) से ज्यादा पैसे मिलेंगे.

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