कॉलेज में स्वर्ण पदक वितरण समारोह में मुख्य अतिथि की आसंदी से संबोधित किया
राजनांदगांव(दैनिक पहुना)। जिस कॉलेज में सामने गणेश जी हो और पीछे राधा कृष्ण का मंदिर हो, उस कॉलेज में सरस्वती जी का वास होना ही है। यह बात आज छत्तीसगढ़ युवा आयोग के अध्यक्ष जितेंद्र मुदलियार ने शासकीय दिग्विजय स्वशासी स्नातकोत्तर महाविद्यालय में सत्र 2019-20 और 2020-21 के पदक वितरण समारोह में मुख्य अतिथि की आसंदी से कही। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार विद्यार्थी हित में लगातार कार्य कर रही है। संबोधन की शुरूआत में उन्होंने महंत राजा दिग्विजय दास को नमन किया जिन्होंने अपना यह किला कॉलेज के लिये दान किया। उन्होंने यह भी कहा कि छत्तीसगढ़ में अच्छी शिक्षा और भूपेश सरकार की रीति नीति से बेरोजगारी दर देश में छत्तीसगढ़ में सबसे कम है। उन्होंने इस कॉलेज में अपने केमिस्ट्री के विद्यार्थी रहने के दिनों को याद किया। श्री मुदलियार मेरे पिता पूर्व विधायक शहीद श्री उदय मुदलियार भी इस कॉलेज के छात्र रहे है जो बाद में जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष भी बने। मेरी मां भी गोल्ड मेडलिस्ट रही। उन्होेंने सभी मेधावी छात्र-छात्राओं को बधाई दी। साथ ही अध्यक्षता कर रही महापौर श्रीमती हेमा देशमुख ने भी राजा दिग्विजय दास को श्रद्धांजली देते हुए कहा कि पदक वितरण समारोह मेहनत का फल है। दिग्विजय कॉलेज बहुत सारी मिसालें पेश कर चुका है। उन्होंने शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि नौकरी मिले चाहे न मिले, लेकिन शिक्षित व्याक्ति कभी बेरोजगार नहीं होता।
कुल 83 स्वर्ण पदक 280 प्रशास्ति पत्र वितरण वाले इस दो शैक्षणिक सत्र के सम्मान समारोह को श्रीकिशन खंडेलवाल,पदम कोठारी निखिल द्विवेदी, कुलबीर छाबड़ा आदि विशिष्ट अतिथिगणों ने भी संबोधित किया। समारोह में पूर्व प्राचार्य सुश्री हेमलता महोबे की भी गरिमामय उपस्थिति रही। शुरूआत में प्राचार्य के.एल टांडेकर के द्वारा स्वागत उद्बोधन के बाद महाविद्यालय की जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष रईस अहमद शकील जो स्वयं भी इस कॉलेज के छात्र व छात्र संघ अध्यक्ष रहे हैं ने इस महाविद्यालय के विकास में अपनी समिति के योगदानों का वर्णन किया। उन्हीं में आज उद्घाटित महिला छात्रावास भी शामिल है। उन्होंने अपने उद्बोधन में मुख्य अतिथि घोषणा की कॉलेज के जिम में पुराने हो चुके उपकरणों की जगह नये की व्यवस्था कराने के लिये ध्यान खींचा। उन्होंने कॉलेज के अधिकारियों – कर्मचारियों की लगनशीलता की प्रशंसा की। साथ ही प्रतिवर्ष दिव्यांग छात्रवृत्ति देने भी की।