“विधानसभा का विशेष सत्र” एक और दो दिसंबर को, आदिवासी आरक्षण पर हो सकता है प्रस्ताव पारित

 

रायपुर. छत्तीसगढ़ विधानसभा का विशेष सत्र 1 और 2 दिसंबर को बुलाया गया है. विधानसभा सचिवालय ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विधानसभा अध्यक्ष को विधानसभा की विशेष सत्र बुलाने के लिए पत्र लिखा था. इसके बाद राज्यपाल ने 3 दिवसीय सत्र के लिए अनुमति दी थी.

दरअसल बुधवार दोपहर राज्यपाल अनुसुइया उईके ने राज्य विधानसभा के 15वें सत्र बुलाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी. राजभवन से मिली जानकारी के अनुसार राज्यपाल अनुसुईया उइके ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 174 के खण्ड (1) की शक्तियों का प्रयोग करते हुये 1 दिसंबर 2022 को विधानसभा का विशेष सत्र के लिए अनुमति दी है. राज्यपाल ने 1 दिसंबर को सुबह 11 बजे छत्तीसगढ़ विधानसभा का 15वां सत्र आहूत करने के विधानसभा से प्राप्त प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किया है. यह सत्र 1 और 2 दिसंबर 2022 को आहूत किया जाएगा.

32 प्रतिशत आरक्षण बहाली पर प्रस्ताव लाने की तैयारी

बता दें कि बिलासपुर हाईकोर्ट ने राज्य में 58 प्रतिशत आरक्षण को असंवैधानिक बताते हुए निरस्त कर दिया है. इससे आदिवासियों का आरक्षण 32 प्रतिशत से घटकर 20 प्रतिशत हो गया है इसलिए आदिवासी समाज नाराज है. सड़क में धरना प्रदर्शन शुरू हो गया है. अब विधानसभा के विशेष सत्र में सुप्रीम कोर्ट से कोई फैसला न आ जाए तब तक के लिए कानूनी जानकारों से सुझाव लेकर विधानसभा में आदिवासी आरक्षण बहाल करने के लिए प्रस्ताव को पारित किया जा सकता है.

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