प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को केंद्र सरकार किसानों के लिए विभिन्न योजनाएं लेकर आई है. उन्होंने कहा कि केंद्र की तरफ से किसानों को सस्ती दरों पर उर्वरक उपलब्ध कराने के लिए इस साल 2.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक खर्च किया जाएगा. केंद्र की पीएम किसान सम्मान निधि समेत ऐसी कई योजनाएं हैं, जो किसानों की आर्थिक स्थिति को बेहतर करने के लिए शुरू की गई हैं. पीएम मोदी ने बताया कि केंद्र ने पिछले आठ साल के दौरान लगभग 10 लाख करोड़ रुपये खर्च किए हैं, ताकि देश के किसानों पर उर्वरकों की ऊंची वैश्विक कीमतों का बोझ न पड़े.
दो लाख करोड़ से अधिक की राशि भेजी
मोदी ने यह बात शनिवार को रामागुंडम में 9,500 करोड़ से अधिक की कई परियोजनाओं की आधारशिला रखने और उन्हें राष्ट्र को समर्पित करने के बाद कही. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों के बैंक खातों में दो लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि भेजी है. आपको बता दें अब तक पीएम किसान की 12 किस्त किसानों के खातों में ट्रांसफर की जा चुकी हैं. 13वीं किस्त दिसंबर से मार्च के बीच लाभार्थियों के खाते में आनी है. आपको बता दें देशभर में 14 करोड़ से ज्यादा किसान हैं लेकिन पीएम किसान निधि का लाभ करीब 10 करोड़ किसानों को ही मिल रहा है. पीएम मोदी ने कहा कि देश में सालों से बंद पड़े पांच बड़े उर्वरक संयंत्रों को यूरिया के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए फिर से शुरू किया जा रहा है.
भारत तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में अग्रसर
मोदी ने कहा कि यूरिया भविष्य में एक ही ब्रांड ‘भारत यूरिया’ के तहत उपलब्ध कराया जाएगा, किसानों को पहले कई तरह के उर्वरकों के मौजूद होने के कारण समस्याओं का सामना करना पड़ा है. पीएम ने विशेषज्ञों का हवाला देते हुए कहा कि दुनिया के नाजुक दौर से गुजरने के बावजूद भारत तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में अग्रसर है. मोदी ने यहां पर रामागुंडम फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स लिमिटेड (RFCL) के उर्वरक संयंत्र का उद्घाटन किया जिसे 6,338 करोड़ रुपये की लागत से चालू किया गया.
दुनिया कोरोना महामारी से लड़ रही
इसके अलावा पीएम ने 990 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित भद्राचलम रोड से सत्तुपल्ली तक 54.1 किमी रेलवे लाइन का ऑनलाइन उद्घाटन भी किया. इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने कहा कि विशेषज्ञों के अनुसार वर्ष 1990 के बाद यानी पिछले तीन दशकों में देश ने जो विकास देखा है, वो पिछले आठ वर्षों के दौरान हुए बदलावों के कारण कुछ ही वर्षों में होगा. उन्होंने कहा, ‘पिछले दो-तीन साल से दुनिया कोरोना महामारी से लड़ रही है. दूसरी ओर संघर्ष हो रहे हैं, सैन्य कार्रवाइयां हो रही हैं और उसका असर देश और दुनिया पर भी पड़ रहा है.’
मोदी ने कहा, ‘इन विकट परिस्थितियों में भी दुनिया भर में एक और बात सुनने को मिल रही है. दुनिया भर के जानकारों का कहना है कि भारत जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा और उस दिशा में बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है.’ उन्होंने कहा कि पिछले आठ वर्षों में शासन, विचार प्रक्रिया और दृष्टिकोण में भी बदलाव आया है. मोदी ने कहा कि चाहे बुनियादी ढांचा हो, सरकारी प्रक्रियाएं हों या व्यापार करने में आसानी हो…ये सभी बदलाव भारत के ‘आकांक्षी समाज’ को प्रेरित कर रहे हैं.