वाराणसी: ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में मिले कथित ‘शिवलिंग’ की पूजा के अधिकार की मांग वाली याचिका पर वाराणसी का एक फास्ट-ट्रैक कोर्ट आज अपना फैसला सुनाएगा. 8 नवंबर को हुई पिछली सुनवाई पर अदालत ने 14 नवंबर तक के लिए हियरिंग स्थगित कर दी थी. हिंदू पक्ष की जिन मांगों पर अदालत फैसला सुनाएगी उनमें स्वयंभू ज्योतिर्लिंग भगवान विश्वेश्वर की पूजा तत्काल शुरू करने की अनुमति, संपूर्ण ज्ञानवापी परिसर को हिंदुओं को सौंपना और ज्ञानवापी परिसर के अंदर मुसलमानों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाना शामिल है. यह मामला कोर्ट में रहने तक मुस्लिम पक्ष को परिसर में नमाज पढ़ने की इजाजत है.
विश्व वैदिक सनातन संघ प्रमुख जितेंद्र सिंह बिसेन की पत्नी किरन सिंह ‘बिसेन’ की ओर से याचिका दाखिल की गई है. कोर्ट को इस मामले में ऑर्डर 7 रूल 11 के तहत केस की पोषणीयता पर फैसला सुनाना है. इस मामले को लेकर कोर्ट में दोनों पक्षों की बहस पूरी हो चुकी है. कोर्ट को इस मामले में यह तय करना है कि मामला सुनने लायक है कि नहीं. इस मामले को लेकर सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में सुनवाई हो रही है. सुप्रीम कोर्ट ने 11 नवंबर को सर्वे के दौरान ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में मिले कथित ‘शिवलिंग’ वाले क्षेत्र की सुरक्षा के लिए अपने पहले के आदेश को बढ़ा दिया था. वहीं, पिछली सुनवाई के दौरान वाराणसी की अदालत ने ‘शिवलिंग’ की ‘वैज्ञानिक जांच’ की अनुमति देने से इनकार कर दिया था.
हिंदू पक्ष ने कोर्ट से ज्ञानवापी मस्जिद के वजुखाना के अंदर पाए गए उस संरचना की कार्बन डेटिंग कराने की मांग की थी, जिसे उन्होंने ‘शिवलिंग’ होने का दावा किया था. हालांकि, मुस्लिम पक्ष ने अदालत में कहा था कि वजुखाना के अंदर जो ढांचा मिला वह एक ‘फव्वारा’ था. वाराणसी कोर्ट ने कहा था, ‘एएसआई के सर्वेक्षण का आदेश देना उचित नहीं होगा. यह एक न्यायसंगत समाधान नहीं है.’ सुप्रीम कोर्ट के 17 मई के आदेश का जिक्र करते हुए वाराणसी कोर्ट ने कहा था, ‘अगर सैंपल लेने से कथित शिवलिंग को नुकसान पहुंचता है तो यह सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन होगा.’ हिंदू पक्ष ने कथित ‘शिवलिंग’ की कार्बन डेटिंग कराने की इजाजत नहीं देने के वाराणसी कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की बात कही थी.