Success Story: UN में भारत की पहली महिला दूत हैं IFS रुचिरा कंबोज, यहां से की थी पढ़ाई

 

 आईएफएस रुचिरा कंबोज भारतीय महिलाओं के लिए मजबूत प्रेरणा हैं. वह संयुक्त राष्ट्र में भारत की पहली महिला दूत/स्थायी प्रतिनिधि हैं (Permanent Representative to UN From India). 1987 में वह सिविल सेवा परीक्षा की टॉपर थीं (IFS Ruchira Kamboj Education). जानिए आईएफएस रुचिरा कंबोज की सक्सेस स्टोरी और करियर ग्राफ.

आईएफएस रुचिरा कंबोज का जन्म 3 मई 1964 को हुआ था (IFS Ruchira Kamboj Birthday). इस समय उनकी उम्र 58 साल है. वह संयुक्त राष्ट्र (United Nations) में भारत की पहली महिला दूत हैं. उन्होंने टीएस तिरुमूर्ति की जगह एक अगस्त, 2022 को स्थायी रिप्रेजेंटेटिव के तौर पर कार्यभार संभाला था (Permanent Representative to UN From India). वह सभी भारतीय महिलाओं के लिए प्रेरणा हैं.

आईएफएस रुचिरा कंबोज के दिवंगत पिता भारतीय सेना में ऑफिसर थे. उनकी मां दिल्ली विश्वविद्यालय में संस्कृत की प्रोफेसर व लेखिका थीं (रिटायर्ड). रुचिरा के पति दिवाकर कंबोज एक बिजनेसमैन हैं (IFS Ruchira Kamboj Husband). इन दोनों की बेटी का नाम सारा है (IFS Ruchira Kamboj Daughter). रुचिरा कंबोज अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर बेटी सारा की फोटोज़ अक्सर शेयर करती रहती हैं (IFS Ruchira Kamboj Instagram).

रुचिरा कंबोज के घर पर हमेशा ही पढ़ाई-लिखाई का माहौल रहा है. पिता के आर्मी में होने की वजह से उनकी स्कूलिंग देश के अलग-अलग हिस्सों में हुई है. रुचिरा कंबोज ने दिल्ली, वडोदरा और जम्मू के स्कूलों से पढ़ाई की है. उन्होंने मसूरी के वाइनबर्ग एलन स्कूल से भी पढ़ाई की है. उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा हासिल की थी. रुचिरा ने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से भी डिग्री हासिल की है. उनकी हिंदी, इंग्लिश व फ्रेंच भाषाओं पर मजबूत कमांड है.

रुचिरा कंबोज 1987 बैच की आईएफएस ऑफिसर (IFS Officer) हैं. उन्होंने 1987 में हुई सिविल सेवा परीक्षा में महिला वर्ग में टॉप किया था. सिर्फ यही नहीं, वह फॉरेन सर्विस (Indian Foreign Service) बैच की भी टॉपर थीं. उनकी पहली जॉइनिंग पेरिस में हुई थी. 1989-91 के दौरान उन्हें फ्रांस में स्थित भारतीय दूतावास में थर्ड सेक्रेटरी के तौर पर नियुक्त किया गया था.

पेरिस से अपने राजनयिक करियर की शुरुआत करने के बाद रुचिरा कंबोज ने 1991-96 तक विदेश मंत्रालय के यूरोप वेस्ट डिवीजन में अपर सेक्रेटरी के तौर पर काम किया था. उन्होंने 1996-9 तक मॉरीशस में फर्स्ट सेक्रेटरी और पोर्ट लुइस में भारतीय उच्चायोग में काम किया था. रुचिरा भूटान में भारत की पहली महिला एंबेसडर रह चुकी हैं. वह साउथ अफ्रीका में भारतीय उच्चायुक्त और UNESCO में भारत की स्थायी प्रतिनिधि के तौर पर भी काम कर चुकी हैं. साल 2002 से 2005 तक उन्होंने UN में भारत के स्थायी मिशन में काउंसलर के रूप में काम किया था.

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