हिंदू धर्म पुराणों में अलग-अलग देवी-देवताओं को प्रसन्न करने के लिए अलग-अलग मंत्रों का उल्लेख मिलता है. हमारी संस्कृति में भी पूजा पाठ और मंत्र का जप करना बहुत मूल्यवान माना गया है. इनके जप के लिए अलग-अलग प्रकार की मालाएं भी अपना विशिष्ट स्थान रखती हैं. मालाओं का इस्तेमाल किए जाने के पीछे एक तथ्य यह भी है कि मंत्र जप की संख्या में कोई त्रुटि ना हो, इसलिए मालाओं को गिनती के तौर पर जपा जाता है. आमतौर पर प्रत्येक माला में 108 मनके होते हैं, लेकिन कुछ मालाओं में 27 या 54 मनके भी हो सकते हैं.
रुद्राक्ष की माला
भगवान शंकर की आराधना करने वाले शिव मंत्रों का जाप रुद्राक्ष की माला से करते है. रुद्राक्ष को भगवान शिव का अंश माना गया है. इसी कारण शिव परिवार में रहने वाले सभी देवताओं को प्रसन्न करने के लिए रुद्राक्ष की माला से जप करना लाभकारी होता है. भगवान शिव के महामृत्युंजय मंत्र, लघु मृत्युंजय मंत्र आदि का जब रुद्राक्ष से ही करना चाहिए.
सफेद पारदर्शी मोती की माला
भगवान गणेश, माता सरस्वती और मां लक्ष्मी के मंत्रों का जाप सफेद पारदर्शी मोती की माला से करना लाभकारी माना जाता है. ये शांति का प्रतीक होते हैं. इस माला से मंत्रों का जप करने से एकाग्रता और मन की शांति प्राप्त होती है. धन प्राप्ति और लक्ष्य के प्रति एकाग्रता के लिए स्फटिक की माला धारण करना भी लाभदायक होता है. कमलगट्टे की माला से महालक्ष्मी के मंत्रों का जप किया जा सकता है.
हल्दी की माला
यदि किसी व्यक्ति को अपने कुछ विशेष उद्देश्यों की पूर्ति या मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए मंत्रों का जप करना है तो वह हल्दी की माला का प्रयोग कर सकते हैं. इसके अलावा गुरु बृहस्पति और मां बगलामुखी के मंत्रों का जाप करने के लिए पीली हल्दी की माला का प्रयोग करना अति शुभ होता है. वहीं मां काली की पूजा या उनके मंत्रों का प्रयोग काली हल्दी की माला से किया जा सकता है.
चंदन से बनी हुई माला
हिंदू धर्म में भगवान श्री हरि विष्णु को जगत का पालनहार माना जाता है. श्री हरि विष्णु के मंत्रों का जाप करने के लिए लाल या शुभ चंदन से बनी हुई माला अति शुभ मानी जाती है. इसके अलावा भगवान विष्णु और उनके अवतारों के मंत्रों का जाप करने के लिए तुलसी की माला का भी प्रयोग किया जा सकता है.
वैयजंती माला
शनि दोष को दूर करने के लिए वैयजंती माला का उपयोग सर्वोत्तम माना जाता है. वैयजंती माला से भगवान विष्यु या सूर्यदेव की उपासना करने से ग्रहों के नकारात्मक प्रभाव को कम किया जा सकता है.