अभाविप ने नारी शक्ति दिवस के रूप मनाई लक्ष्मीबाई जयंती

 

राजनांदगांव(दैनिक पहुना)। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद राजनांदगांव द्वारा महारानी लक्ष्मी बाई के जयंती को नारी सशक्तिकरण दिवस के रूप में मनाते हुए महारानी लक्ष्मी बाई स्कूल में संगोष्ठी एवं तैल्यचित्र पर माल्यापर्ण कर जयंती मनाई गई।कार्यक्रम के प्रारंभ में विद्यालय के प्राचार्य वर्मा सर ने विद्यार्थीयों को संबोधित करते हुए महारानी लक्ष्मी बाई के अदम्य साहस एवं पराक्रम के बारे में बताया साथ ही सभी युवा तरूणाईयों को उनके पद चिन्हों में चलने के लिए प्रेरित किया। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के विभाग संयोजक चिन्टू सोनकर ने कविता के माध्यम से लोगों को रानी लक्ष्मी बाई के बारे में बताते हुए कहा कि खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी थी. रानी लक्ष्मीबाई के शौर्य और वीरता पर लिखी प्रसिद्ध कवयित्री सुभद्रा कुमारी चौहान की ये यादगार कविता आज भी युवाओं को देशभक्ति के जज़्बे से भर देने का काम करती है। श्री सोनकर ने आगे कहा कि रानी लक्ष्मीबाई का जन्म 19 नवंबर, 1828 को बनारस में हुआ था। नारी शक्ति की मिसाल देने वाली उसी रानी लक्ष्मीबाई की आज जयंती है। झांसी की रानी लक्ष्मीबाई भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की ऐसी नायिका रहीं जिनके पराक्रम और साहस का जिक्र आज भी किया जाता है।अभाविप विभाग छात्रा प्रमुख नीकिता श्रीरंगे ने बताया कि रानी लक्ष्मीबाई ने अंग्रेजी हुकूमत के आगे कभी झुकना स्वीकार नहीं किया और आखिरी दम तक झांसी की रक्षा के लिए अंग्रेजों से लड़ती रहीं। 18 जून के दिन ही उन्होंने अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए हंसते-हंसते अपने प्राणों को न्योछावर कर दिया था। रानी लक्ष्मीबाई का पराक्रम और साहस आज की नारियों के लिए प्रेरणादायी है।इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से चंदना श्रीवास्तव, सौरभ रात्रे, यश साहू, जीत प्रजापति,  पोषण लहरे, तारकेश, वीणा साहू, नम्रता, गुंजा साहू, धमेन्द्र साहू, अंकुश साहू, मुकेश यादव, सुरेश पटेल, ओजस्वी उर्वशा, अतुल देवांगन, डिम्पल कामडे, दिव्या चौहान, नमिता पटेल, रिया मरकाम, भाग्यश्री, निशा, प्रियाशी, मधुलिका सहित विद्यालय के छात्र – छात्राए उपस्थित रहे।

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