बैंक अकाउंट में मिनिमम बैलेंस मेंटेन नहीं कर पाने पर आपको कभी पेनाल्टी देनी पड़ी है क्या? शायद आपके पास इसका जवाब हां में हो. अगर ऐसा है तो आने वाले समय में सब कुछ सही रहा तो खाते में मिनिमम बैलेंस मेंटेन करने की जरूरत नहीं होगी. विभिन्न बैंकों के सेविंग और करंट अकाउंट में मिनिमम बैलेंस मेंटेन करने की लिमिट अलग-अलग होती है. पिछले दिनों केंद्र की तरफ जन-धन खाते खोलने की मुहिम के दौरान कोशिश हुई कि देश के हर नागरिक का बैंक अकाउंट हो. जन-धन अकाउंट में मिनिमम बैलेंस रखने की किसी तरह की बाध्यता नहीं होती.
निदेशक मंडल जुर्माना खत्म करने का फैसला लेने के लिए स्वतंत्र
अकाउंट में मिनिमम बैलेंस मेंटेन करने को लेकर वित्त राज्यमंत्री भगवंत किशनराव कराड ने अहम बयान दिया है. उन्होंने कहा कि बैंकों के निदेशक मंडल मिनिमम बैलेंस नहीं रखने वालों खातों पर जुर्माना खत्म करने का फैसला ले सकते हैं. कराड ने एक सवाल के जवाब में कहा-बैंक स्वतंत्र निकाय होते हैं. उनका निदेशक मंडल जुर्माना खत्म करने का फैसला ले सकता है.
राज्यमंत्री कराड से किया सवाल
आपको बता दें मीडिया ने राज्यमंत्री कराड से मिनिमम बैलेंस मेंटेन करने को लेकर सवाल किया था. उनसे पूछा था कि क्या केंद्र बैंकों को इस बारे में निर्देश देने पर विचार कर रहा है कि जिन खातों में जमा राशि न्यूनतम निर्धारित स्तर से नीचे चली जाती है उन पर कोई जुर्माना नहीं लगाया जाए.
जम्मू-कश्मीर के दो दिवसीय दौरे पर कराड
दरअसल, जम्मू-कश्मीर में विभिन्न वित्तीय योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा के लिए वित्त राज्यमंत्री केंद्र शासित प्रदेश के दो दिन के दौरे पर हैं. उन्होंने कहा जम्मू-कश्मीर में बैंकों ने पिछले कुछ सालों में अच्छा काम किया है. साथ ही निर्देश दिया कि वे उन मानकों पर अपने प्रदर्शन में सुधार करें.