सर्वविदित है कि ब्रिटिश हुकूमत से भारत को स्वतंत्रता मिलने के पश्चात 26 जनवरी 1950 को देश में अपना संविधान लागू हुआ था, लेकिन कम लोगों को पता होगा कि भारत में ‘संविधान दिवस’ (National Law Day) 26 नवंबर को मनाया जाता है. इस दिन को ‘राष्ट्रीय विधि दिवस’ अथवा ‘राष्ट्रीय कानून दिवस’ के नाम से भी जाना जाता है. क्योंकि इसी दिन संविधान सभा द्वारा भारत के अपने संविधान को अपनाया गया था. भारतीय नागरिकों को संविधान के प्रति जागरूक करने और संवैधानिक मूल्यों को याद दिलाने के लिए हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है. आइये जानें राष्ट्रीय संविधान दिवस के महत्व एवं इतिहास के संदर्भ में विस्तार से…
संविधान दिवस का महत्व
संविधान दिवस के अवसर पर हमें न सिर्फ स्वतंत्र भारत का नागरिक होने का अहसास होता है, बल्कि संविधान में उल्लेखित मौलिक अधिकारों से अपना हक मिलता है, साथ ही लिखित मूल कर्तव्यों से हमें नागरिक के तौर पर अपनी जिम्मेदारियों की भी याद दिलाता है. भारतीय संविधान के निर्माण में समाजसेवी एवं तत्कालीन कानून मंत्री डॉ. भीमराव अम्बेडकर का विशिष्ठ योगदान था, इसलिए हम संविधान दिवस के रूप में डॉ. अम्बेडकर को श्रद्धांजलि भी अर्पित करते हैं. भारतीय संविधान का निर्माण देश के युवा पीढ़ी के बीच संवैधानिक मूल्यों के प्रति सम्मान भावना को बढ़ाने के उद्देश्य के रूप में मनाया जाता है.
संविधान के संदर्भ में रोचक तथ्य
दरअसल देश को आजादी मिलने से पहले ही स्वतंत्रता सेनानियों ने देश के संविधान पर चर्चा शुरू कर दी थी कि आजाद भारत का संविधान कैसा होगा. संविधान सभा की पहली बैठक 9 दिसंबर, 1946 को संसद भवन के सेंट्रल हॉल में हुई थी, जिसमें कुल 207 सदस्य शामिल थे. संविधान को बनाने में लगभग 1 करोड़ रुपये खर्च हुए थे, तथा इसके बनने में 2 साल, 11 महीने और 8 दिन का समय लगा था. संविधान की मूल प्रति प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने लिखी थी. हमारा संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है. इस संविधान के आधार पर ही देश की संसद कानून बनाती है, जिसके सहारे देश की संपूर्ण व्यवस्था का संचालन किया जाता है. 26 नवंबर, 1949 में बनकर तैयार हुए भारतीय संविधान को दो माह पश्चात 26 जनवरी, 1950 को पूरे देश में लागू किया गया था. इस दिन को संपूर्ण भारत में गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है
26 नवंबर को ही क्यों मनाते हैं संविधान दिवस
यद्यपि देश में संविधान दिवस मनाने का सिलसिला बहुत पुराना नहीं है. 19 नवंबर 2015 को संविधान दिवस मनाने का फैसला किया था, और 26 नवंबर 2015 को संविधान दिवस मनाया गया. इसके लिए 26 नवंबर की तारीख इसीलिए निर्धारित की गई थी, क्योंकि इसी दिन भारतीय संविधान को सर्वसम्मति से स्वीकृति मिली थी.