राजनांदगांव(दैनिक पहुना)। अन्नदाता कितनी अधिक लागत मेहनत से अन्न उगाकर सोसायटियों में समर्थन दर पर धान दे रहे हैं ,लेकिन उनसे धान खरीदने के बाद शासन तंत्र के नुमाइंदे उस धान की महज कीमत ही आंक रहे हैं, उसका मूल्य या महत्ता नहीं। इसका उदाहरण सेवा सहकारी समितियों के धान उपार्जन केंद्रों में देखा जा सकता है। वैसे जिला विभाजन के बाद इस वर्ष से पृथक राजनांदगांव जिले में सोसायटी व धान उपार्जन केंद्र कम हो गये हैं। जिले में 74 सोसायटियों के अंतर्गत 86 धान खरीदी केंद्रों में समर्थन दर पर धान खरीदे जा रहे हैं। वहीं किसानों को धान बेचने कतिपय सोसाटियों में दो-दो दिन भी तपस्या करनी पड़ रही है। डोंगरगांव तहसील अंतर्गत रामपुर सोसायटी के बनभेंड़ी उपार्जन केंद्र में ऐसा ही हो रहा है। उपार्जन या खरीदी केंद्रों में धान सुरक्षा पर समुचित ध्यान मौसम विभाग द्वारा कुछ दिनों पूर्व दी गई हल्की से माध्यम वर्षा की चेेतावनी के बावजूद नहीं दिया जा रहा है। न कैप कवर के समुचित प्रबंध किये गये हैं और न ही धान भरे जूट,बारदाने व प्लास्टिक कट्टे रखने के लिये धान भूसे बिछाने की व्यवस्था की गई है। बड़ी संख्या में धान खरीदी केंद्रों में बफर स्टॉक से अधिक धान जमा हो जाने की बात स्वयं डीएमओ ने भी कही है। लेकिन के उठाव के सवाल पर ट्रकों की हड़ताल बताकर तेजी से परिवहन कराने की जिम्मेदारी से बच निकलते हैं। अगले कुछ दिनों में सचमुच बरसात हो जाती है तो फिर धान के नुकसान की भी आशंका रहेगी। फिर जिम्मेदार अधिकारी अपनी जिम्मेदारी से बचने के उपाय ढूंढ लेंगे।