संबंधित विभाग के अधिकारियों में शासन तंत्र का डर नहीं
राजनांदगांव(दैनिक पहुना)। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के द्वारा विगत माह जर्जर सड़कों की दशा सुधारे जाने को लेकर अधिकारियों को चेताया गया था। यह कहा गया था कि सड़कें चाहे जिस किसी विभाग की हों,अविलंब सुधर जानी चाहिए,नहीं तो जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्यवाही होगी,लेकिन ऐसा कहां हो रहा है। अधिकारी चाहे पीडब्ल्यूडी की हों,प्रधान मंत्री सड़क के,नगर निगम के या फिर और कोई विभाग या निकाय के हों,उन्हें शासन तंत्र से डर बिल्कुल भी नहीं है, ऐसा प्रतीत होता है। तभी तो बरसात के बाद जाड़ा का मौसम चल रहे होने के बावजूद भी डामर रोड व सीमेंट की सड़कें अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहीं हैं।
राजनांदगांव शहर में कई सड़कें फिर से डामरीकरण के लायक हो गईं हैं उनमें नगर निगम व लोक निर्माण विभाग की हैं। निगम की सड़कों में मानव मंदिर चौक से सिनेमा लाइन तो दूसरी ओर गुरूद्वारा चौक तक,गुड़ाखु लाइन से कामठी लाइन के बीच शनि मंदिर रोड,मोतीपुर,रामनगर क्षेत्र की सड़क सहित अनेक सड़कें उखड़ चुकी हैं। राजनांदगांव शहर से डोंगरगांव रोड 26 किमी. में कई जगह डामरीकृत सड़कें काफी दूर-दूर तक उखड़ चुकीं हैं। उधर सुदूर छुरिया क्षेत्र में पैरी टोला रोड,गैंदाटोला से कुमर्दा रोड,गैंदाटोला से छुरिया रोड की हालत खराब है जो राहगीरों व उनके वाहनों के पुर्जे ढीले कर देते हैं। उसी क्षेत्र में गैंदाटोला से खपराभाट रोड में गैंदाटोला से लगे लूलीकसा गांव में रपटा पुल निर्माण विगत वर्ष से अब तक पूरा नहीं हो पाया है। नौ दिन चले अढ़ाई कोस की तर्ज पर काम चल रहा है।