दिल्ली एम्स पर साइबर अटैक के पीछे चीन का हाथ, हैक हुए पांचों सर्वर का डेटा वापस मिला

 

नई दिल्ली. देश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल दिल्ली-एम्स (Delhi-AIIMS) का सर्वर हैक करने के पीछे भी चीन की नापाक साजिश थी. केंद्र सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस बाबत बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि एफआईआर के मुताबिक ये साइबर हमला चीन की ओर से हुआ था. हैकर्स ने 100 सर्वर (40 फिजीकल तथा 60 वर्चुअल सर्वर) में पांच को हैक कर लिया था. हालांकि अब इन पांचों सर्वर के डेटा को हासिल कर लिया गया है. इस हमले के तार ‘भारत के पड़ोसी देशों में से एक’ से जुड़े थे, क्योंकि एजेंसियों को वहां का एक आईपी एड्रेस मिला.

दिल्ली एम्स के सर्वर पर बीते 23 नवंबर को एक रैंसमवेयर हमला हुआ था. साइबर हमलावरों के खिलाफ उगाही और साइबर आतंकवाद का मामला दर्ज किया गया है. इस साइबर अटैक का 23 नवंबर को तब पता चला, जब सर्वर डाउन होने से आउट पेशेंट विभाग (OPD) और सैंपल एकत्र करने वाली सेवाएं प्रभावित हो गई थी. उधर एम्स ने इस बाबत एक बयान में कहा था, ‘आज एम्स, नई दिल्ली में उपयोग किए जा रहे राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र के ई-हॉस्पिटल का सर्वर डाउन हो गया, जिसके कारण स्मार्ट लैब, बिलिंग, रिपोर्ट जनरेशन, अपॉइंटमेंट सिस्टम आदि सहित आउट पेशेंट और इनपेशेंट डिजिटल हॉस्पिटल सेवाएं प्रभावित हुई हैं.’

दिल्ली एम्स के सर्वर में सेंधमारी करने वाले हैकर्स ने इन सर्वर्स को अपने कब्जे से छोड़ने के लिए क्रिप्टोकरेंसी में करीब 200 करोड़ रुपये की मांग की थी.

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यहां कई खामियां थीं, जिनकी वजह से हैकर्स आसानी से एम्स के सिस्टम में घुस गए. इस मामले की निगरानी कर रहे वरिष्ठ स्तर के एक अधिकारी ने कहा कि ऐसा संदेह है कि कुछ महीने पहले एक वेबसाइट पर भेजे गए लिंक पर क्लिक करने से रैंसमवेयर एम्स के सिस्टम में प्रवेश कर गया था. जांचकर्ताओं ने इस मामले में अंदरूनी लोगों की भूमिका से भी इनकार नहीं किया है.

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