संस्कारधानी में रहेगी जीणमाता महोत्सव की धूम

मेंहदी,कलश यात्रा,मंगलपाठ व महाप्रसादी

राजनांदगांव(दैनिक पहुना)। सनातन संस्कृति में प्रत्येक व्यक्ति एवं परिवार की कुलदेवी होती है जहां हम पूरा कर वहीं के प्राचीन एवम प्रतिष्ठित देवी मंदिर में विराजित आदिभवानी देवी को उन परिवारों को कुलदेवी के रूप में पूजने की परंपरा रही है। हिंदू संस्कृति में विभिन्न देवी देवताओं की आराधना करने का विशेष महत्व है। संपूर्ण भारतवर्ष में विभिन्न प्रमुख देवियों के मंदिर विद्यमान है उनमें एक प्रमुख देवी मंदिर राजस्थान के सीकर जिला में स्थित ग्राम गोरिया में भव्य एक मनमोहक अतिप्राचीन मां जीण भवानी का मंदिर लगभग 1500 वर्ष पूर्व से स्थापित संपूर्ण भारतवर्ष में करोड़ों की संख्या में मां जीण भवानी को कुलदेवी के रूप में पूजने वाले भक्त निवास करते हैं। प्रतिवर्ष चैत्र शुक्ल एवं आश्विन  की नवरात्रि के समय यहां मेला लगता है जिसमें लाखों की संख्या में श्रद्धालु भक्त पहुंच कर अपनी मनोकामना पूर्ण करते हैं। यह जानकारी देते हुए आयोजन समिति के अशोक लोहिया,श्याम खंडेलवाल,राजेश अग्रवाल,दुर्गा अग्रवाल,व ओम प्रकाश अग्रवाल ने बताया कि संस्कारधानी राजनांदगांव में भी 100 से अधिक परिवार जीण माता को कुलदेवी के रूप में पूजते हैं।

माँ जीण भवानी के स्थानीय भक्तों में वर्ष 2016 में पहली बार सार्वजनिक रूप से मां जीण भवानी के भव्य महोत्सव की परंपरा शुरू की थी तब से लगातार इस वर्ष लगारतार जीण माता महोत्सव का दो दिवसीय विराट आयोजन 24 एवं 25 दिसंबर  को श्री जीण माता सेवा समिति के तत्वावधान में किया जा रहा है। इस वर्ष महोत्सव में मां जीण भवानी के जन्म स्थान ग्राम घांघू जिला चूरू राजस्थान में स्थापित मातारानी के मंदिर का निर्माण करने वाले परिवार के वंशज श्रीमती निरंजन जी एवं श्रीमती शिम्मी राठौर विशेष तौर पर उपस्थित रहेगी। वर्तमान में उक्त मंदिर की पूजा सेवा इन्ही के परिवार द्वारा की जा रही है। आगे बताया गया कि श्री जीण धाम उदयाचल प्रांगण में 25 दिसंबर रविवार को दोपहर 1.00 बजे से राजस्थान के सूरतगढ़ निवासी मां जीण भवानी की परम सेवक मिताली अरोड़ा के द्वारा मां जीण शक्ति मंगल पाठ का सुमधुर वाचन किया जाएगा इस दौरान चुनरी उत्सव,गजरा उत्सव,मेहंदी उत्सव, बधाई एवं 56 भोग के साथ ही मां भवानी के अलौकिक श्रृंगार का भव्य दर्शन श्रद्धालु भक्तगण प्राप्त करेंगे। मंगलपाठ के पश्चात रात्रि 7:30 बजे से मिताली अरोड़ा द्वारा अपनी सुमधुर वाणी से भजनों की अमृत गंगा प्रवाहित की जाएगी जिसमें स्नान करने का अवसर संस्कारधानी के भक्तो को प्राप्त होगा।

प्रेस वार्ता के माध्यम से श्री जीण माता सेवा समिति के सदस्यों ने बताया कि 24 दिसंबर को सुबह 10:30 बजे से कुलदेवी मातारानी के नाम की मेहंदी श्रद्धालु माता बहनों एवं बंधुओं को लगाई जाएगी। महोत्सव का मुख्य समारोह का शुभारंभ 25 दिसंबर रविवार को सुबह 10:00 बजे श्री सत्यनारायण धर्मशाला से भव्य कलश यात्रा के साथ होगा । कलशयात्रा कामठी लाइन से भारतमाता चौक से तिरंगा चौक होते हुए गंज लाइन होते हुए जीण धाम उदयाचल प्रांगण पहुंचेगी। जहाँ दोपहर 3:00 बजे से मंगलपाठ प्रारंभ होगा। रात्रि 8:00 बजे से महाप्रसादी होगी।

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