रायपुर। सीएम भूूपेश बघेल ने कहा कि श्रीरामसेतु के सवाल पर भाजपाई खुद कटघरे में खड़े हो गए है। यदि वे सच में रामभक्त होते तो अपनी सरकार से सवाल पूछते। विरोध और आलोचना करते । देश को गुमराह करने के लिए जनता से माफी मांगे। एक बार फिर से राजनीतिक जंग का अखाड़ा बनता जा रहा है। कांग्रेस और भाजपा दोनों ही राजनीतिक दलों के अपने-अपने दावे हैं। दोनों दलों के नेता एक-दूसरे को घेरते भी नजर आ रहे हैं। प्रदेश कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर भाजपा पर हमलावर है। इस बीच प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सांसद अरुण साव ने रामसेतु मामले में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कांग्रेस के नेताओं के बयान को तथ्यों से परे और कोरी राजनीतिक करार दिया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि भ्रमित करना कांग्रेस की संस्कृति और मुख्यमंत्री बघेल की कार्यसंस्कृति है। वे भ्रम का वातावरण निर्मित करने में आदी हैं। तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करना उनका राजनीतिक स्वभाव है। प्रदेश कांग्रेस के संचार विभाग के प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष पर पलटवार किया है। उन्होंने पूछा है कि अरुण साव बताएं कि रामसेतु को नकारने वाली मोदी सरकार का विरोध कब करेंगे?
श्री साव ने कहा कि राज्यसभा सदस्य कार्तिकेय शर्मा ने रामसेतु के ढांचे के वैज्ञानिक अनुसंधान को लेकर सवाल किया था। उन्होंने पूछा था कि क्या सरकार भारत के गौरवशाली इतिहास पर कोई वैज्ञानिक शोध कर रही है क्योंकि पिछली सरकारों ने इस मुद्दे पर लगातार ध्यान नहीं दिया। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने उनके सवाल का जवाब देते हुए कहा था कि सरकार लगातार ऐसे मामलों की जांच के लिए काम कर रही है, सवाल के जवाब में उन्होंने इस मामले में अन्य जानकारी भी दी। अब भूपेश बघेल बताएं कि भाजपा की केंद्र सरकार ने अस्तित्व नकारा है या जांच के काम कर रही है। केंद्र सरकार ने कतई राम सेतु के अस्तिस्व को नही नकारा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के लोग रामसेतु पर कांग्रेस का हलफनामा देख लें। सारे भ्रम दूर हो जाएंगे। 2008 में सोनिया गांधी के मार्गदर्शन में चलने वाली यूपीए मनमोहन सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दाखिल कर रामसेतु को काल्पनिक करार दिया था और कोर्ट में कहा था कि वहां कोई पुल नहीं है।
कांग्रेस ने कहा कि मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह ने संसद में भाजपा सांसद कार्तिकेय शर्मा के एक प्रश्न के जवाब में भगवान रामसेतु के अस्तित्व को नकार दिया है, कहा कि कुछ पत्थरों के अवशेष मिले है और कह नहीं सकते कि वह राम सेतु है। अरूण साव संसद में कही गई भाजपा सरकार के मंत्री के अधिकृत बयान को पढ़ ले यही भाजपा का असली चरित्र है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपाई कालनेमी रूपी राम भक्त है। मोदी सरकार के मंत्री ने सदन में अधिकृत रूप से राम सेतु के अस्तित्व को नकारा है। मतलब पूरी भाजपा और भाजपा सरकार इससे सहमत है। मंत्री के बयान पर प्रधानमंत्री ने भी कुछ नहीं कहा उनकी भी मौन सहमति है। राम सेतु के नाम पर कांग्रेस के खिलाफ दुष्प्रचार करने वाले भाजपा के लोग कांग्रेस से माफी मांगे। उदित राज और कमल किशोर कमांड़ों ने कहा कि यहीं बात जब तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार ने राम सेतु के अस्तित्व पर सवाल उठाया ता तो उस समय भाजपा ने मनमोहन सिंह को नास्तिक कहा था । अब केंद्रीय मंत्री स्वयं यह बात कह रहे है कि तब भाजपा संगठन और केंद्र सरकार के मंत्रियों रामसेतु को लेकर हवाहवाई बात नहीं करनी थी, क्या मनमोहन सिंह की बात को नकारने वाले दोहरा क्यों रहे है।