साल 2022 में रियल एस्टेट कारोबार में देखा गया बूम, नये वर्ष में भी तेजी की उम्मीद

कोरोना महामारी के बाद ये अंदाजा लगाया जा रहा था कि रियल एस्टेट सेक्टर में आगामी कुछ वर्षों तक मंदी छाई रहेगी. हालांकि, हुआ इसका उलट. लोगों ने साल 2022 में जमकर आवासीय यानी कि रेजिडेंटल और व्यवसायिक यानी कि कमर्शियल यूनिट्स बुक कराए. छोटे से लेकर बड़े सभी डेवलपर्स की प्रॉपर्टी को लोगों ने हाथों हाथ लिया. बड़े या मेट्रो शहरों में तो बिल्डरों ने प्रॉपर्टी के दामों को कई बार रिवाइज किया. इसके बावजूद भी लोगों ने जमकर घर खरीदे. इसको देखते हुए अब डेवलपर्स ये उम्मीद लगा रहे हैं कि साल 2023 भी रियल एस्टेट के लिए किसी मील के पत्थर से कम साबित नहीं होगा.

बड़े घर 

बता दें कि कोरोना महामारी से पहले मध्यम वर्गीय परिवारों से आने वाले लोग खासकर 2 बीएचके घरों को अधिक प्राथमिकता देते थे, लेकिन महामारी के दौरान वर्क फ्रॉम होम और ऑनलाइन एजुकेशन सिस्टम से लोगों का ध्यान 3, 4 यहां तक कि लग्जरी घरों की तरफ आकर्षित हुआ. इसकी वजह थी कि घर में पढ़ाई और काम करने के लिए ज्यादा जगह की जरूरत. ऐसे में लोगों ने साल 2022 में बड़े साइज के घरों को खरीदने पर जोर दिया.

बेहतरीन साल 

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कोरोना महामारी में कमी आने के बाद सबसे अधिक मांग 75 लाख से 1 करोड़ रुपये तक के फ्लैट की रही. वहीं, 1 करोड़ से अधिक कीमत के घरों की मांग में भी जबरदस्त उछाल देखने को मिला. पिरामिड इंफ्राटेक के अश्वनी कुमार का कहना है कि 2022 रियल एस्टेट के एक अच्छा वर्ष साबित हुआ है. कुछ रिपोर्ट के अनुसार, इस दौरान NRI इन्वेस्टमेंट भी लगभग 13 बिलियन डॉलर का मिला और इसके 12% की दर से बढ़ने की उम्मीद है. हालांकि, इस दौरान इनपुट कास्ट भी बढ़ी, जिसने प्रोजेक्ट की कॉस्ट को भी बढ़ाया है, जिसके कारण डेवलपर्स को थोड़ी परेशानी का सामना करना पड़ा. इससे घर खरीदारों के रुख में नरमी आ सकती थी, मगर घर खरीदारों के सेंटिमेंट इससे प्रभावित नहीं हुए और उन्होंने जमकर घरों को खरीदा. खासकर अफोर्डेबल सेगमेंट की बिक्री में अच्छी खासी वृद्धि हुई. इसके 2023 में भी जारी रहने की उम्मीद है.

रियल एस्टेट होगा मजबूत

जानकारों ने रियल एस्टेट क्षेत्र में आगामी वर्ष में महामारी के प्रभाव से पूरी तरह से उबरने का अनुमान लगाया है. इनवेस्टिनप्रो की सीईओ ऋतु अहलावत का कहना है कि साल 2022 में रियल एस्टेट मार्केट ब्याज दरों में बढ़ोतरी, वैश्विक मंदी के दबावों और यूक्रेन-रूस के कारण आपूर्ति श्रृंखला में उतार-चढ़ाव से प्रभावित हुई थी, लेकिन खरीदारों की मांग रियल्टी क्षेत्र को पटरी पर लाने में मददगार साबित हुई. आने वाला साल रियल एस्टेट सेक्टर में मजबूत रहने वाला है.

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