डोंगरगढ़ जनपद पंचायत में 65 से 67 लाख के भ्रष्टाचार का मामला
राजनांदगांव(दैनिक पहुना)। राज्य शासन के अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण द्वारा कलेक्टर राजनांदगांव को जिले के महिला स्वयं सहायता समूह को इलेक्ट्रॉनिक उपकरण/कौशल विकास प्रशिक्षण हेतु 100 लाख रूपये आबंटित की गई थी। कलेक्टर राजनांदगांव द्वारा उक्त आबंटित राशि का पुनः आबंटन शर्तों के साथ मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत डोंगरगढ़/राजनांदगांव को कार्य एजेंसी के रूप में किया गया था। यह बात प्रेस क्लब भवन में आज आयोजित पत्रकार वार्ता में कहते हुए पूर्व विधायक रामजी भारती ने आगे कहा कि मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत डोंगरगढ़/राजनांदगांव द्वारा पुनः आबंटित राशि सीधे महिला समूह के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दिया गया जोकि पूरी तरह नियम विरूद्ध है क्योकि जनपद पंचायत एक कार्य एजेंसी है। महिला समूह हितग्राही है ऐसी स्थिति में कार्य एजेंसी द्वारा हितग्राही के लिए होता है। सामान सप्लाई/कौशल प्रशिक्षण का दायित्व मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा आबंटित राशि को समूह के खाते में सीधे ट्रांसफर कर दिया गया एवं उसी दिन समूह के खाते से संबंधित फर्म को बिना सामान सप्लाई के आर.टी.जी.एस. के माध्यम से भुगतान कर दिया गया। कलेक्टर राजनांदगांव द्वारा पत्र के अनुसार भौतिक सत्यापन के पश्चात ही भुगतान किया जाना था एवं भुगतान को पार्ट में दिया जाना था। स्पष्ट है कि, उक्त राशि को मिलकर बंदरबाट किया गया है। रामजी भारती डोंगरगढ़ के पूर्व विधायक एवं छत्तीसगढ़ अनुसूचित जाति जनजाति आयोग के पूर्व अध्यक्ष ने आगे बताया कि भुगतान के पश्चात सप्लायर फर्म द्वारा बिल/कोटेशन महिला समूह के नाम से जारी किया गया था जोेकि नियम क विरूद्ध है। साथ ही प्रदायकर्ता फर्म द्वारा जारी कोटेशन मे दर्शित सामान के अनुसार न तो सामान सप्लाई किया गया है एवं न ही उक्त सामान का आज तक भौतिक सत्यापन हुआ। महत्वपूर्ण बात यह कि प्रदायकर्ता द्वारा बिल में दर्शित सामान एवं मात्रा उनके द्वारा दिये गये कोटेशन के अनुसार के अनुसार बिल्कुल भी नहीं किया गया है। उन्होंने फर्म नाम भी बताये। श्री भारती ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि महिला समूह एवं प्रदायकर्ता के मध्य इकरारनामा हुआ है,जबकि इस संबंध में कोई भी निविदा नही निकाली गई है। भण्डारक्रय नियम एवं वित्त निर्देश का अनुपालन बिल्कुल भी नहीं किया गया है। ये सब किसके इशारे पर किया गया है,जबकि संबंधित जिम्मेदार अधिकारी कार्य एजेंसी होने के बावजूद मौन है। जहां एक तरफ महिला समूह एवं सामान प्रदायकर्ता के मध्य अनुबंध किया गया है वही मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत एवं महिला समूह के मध्य भी अनुबंध किया गया है। ये अनुबंध किस नियम के अंतर्गत किया गया है समझ से परे है। वस्तुतः अपनी जिम्मेदारी से बचने एवं राशि का बंदरबाट करने हेतु महिला समूह के कंधे का उपयोग किया गया है। उक्त सामान की सप्लाई हेतु कभी भी समाचार पत्रों में निविदा पत्रों में निविदा आमंत्रित नही की गई यह जिम्मेदारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत की है। सप्लाई प्रदायकर्ता द्वारा जारी कई बिल में दर्शित जीएसटी नंबर भी फर्जी है। इसकी शिकायत केंद्रीय विजीलेंस जीएसटी विभाग को किया गया है। नियम के अनुसार प्रदायकर्ता को भुगतान किये जाने के समय टीडीएस राशि नही काटी गई। रामजी भारती ने पत्रकार वार्ता में आग्र कहा कि उपरोक्त सभी बिन्दुओं के संबंध में शिकायत पत्र मुख्य अपर सचिव छ.ग. शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग रायपुर को 1 अगस्त 2022 को की गई थी। किंतु आज पर्यंत सिर्फ जांच के नाम से खानापूर्ति की जा रही है। उक्त सारी बातें शासन की जानकारी में है बावजूद शासन एवं प्राधिकरण द्वारा कोई कार्यवाही करने के बजाय मौन है।
उन्होंने बात यह कही कि अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण द्वारा अनुसूचित जाति वर्ग के उत्थान हेतु इस राशि का उपयोग किया जाता है,जबकि प्राधिकरण द्वारा जारी राशि को अनुसूचित जाति वर्ग से भिन्न अन्य व्यक्तियों पर भी खर्च किया गया है जोकि अपराध की श्रेणी में आता है। अतः दोषी, आरोपियों के खिलाफ अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अधिनियम के तहत् कार्यवाही किये जाने की मांग की गई है। इसके लिये उन्होंने न्यायालय की शरण में जाने की भी बात कही है। फिलहाल पार्टी स्तर पर आंदोलन की बात को वे नकार गये। पत्रकार वार्ता में एक करोड़ में से 65 लाख से 67 लाख रूपये की राशि की गड़बड़ी की बात रामजी भारती ने कही है इस दौरान डोंगरगढ़ जनपद पंचायत सदस्य कचरू साहू व रविंद्र अग्रवाल,पूर्व जनपद पंचायत सदस्य महेंद्र वैष्णव तथा अधिवक्ता राकेश ठाकुर भी मौजूद थे जिन्होंने भी श्री भारती के द्वारा कही गई बातों को सही ठहराते हुए कहा कि जनपद पंचायत डोंगरगढ़ में यह दूसरा मामला हैै।