दिल्ली: एसएंडपी ग्लोबल द्वारा संकलित मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स यानी पीएमआई बढ़कर दिसंबर में 57.8 हो गया। नवंबर में यह 55.7 पर था। यह रॉयटर्स पोल के 54.3 के औसत पूर्वानुमान से बेहतर है। दिसंबर में पीएमआई अक्टूबर 2020 के बाद से उच्चतम है और 50 अंक से ऊपर है, जो लगातार 18वें महीने भी जारी है। सर्वेक्षण 6 से 19 दिसंबर तक हुआ था। पीएमआई आंकड़ों में 50 को आधार माना गया है। इसको जादुई आंकड़ा भी माना जाता है। 50 से ऊपर के पीएमआई आंकड़े को कारोबारी गतिविधियों के विस्तार के तौर पर देखा जाता। जबकि, 50 से नीचे के आंकड़े को कारोबारी गतिविधियों में गिरावट के तौर पर देखा जाता है। यानी 50 से ऊपर या नीचे पीएमआई आंकड़ों में जितना अंतर होगा, कारोबारी गतिविधि में क्रमश: उतनी ही वृद्धि और कमी मानी जाएगी।
आज यानी सोमवार को आए आंकड़ों ने इस दृष्टिकोण को पुख्ता किया कि संभावित वैश्विक मंदी के प्रभाव को झेलने के लिए एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था कई अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में बेहतर स्थिति में है। एसएंडपी ग्लोबल मार्केट में इकोनॉमिक्स एसोसिएट डायरेक्टर पोलियाना डी लीमा ने कहा, “2022 तक एक आशाजनक शुरुआत के बाद, भारतीय विनिर्माण उद्योग ने समय बढ़ने के साथ एक मजबूत प्रदर्शन बनाए रखा।”
कैसे काम करता है पीएमआई: पीएमआई एक मिश्रित सूचकांक होता है, जिसका उपयोग मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर की स्थिति का आंकलन करने के लिए किया जाता है। यह अलग-अलग कारोबारी पहलुओं पर मैनेजरों की राय के आधार पर तैयार होता है, जिसमें हजारों मैनेजरों से उत्पाद, उद्योग की उम्मीदों एवं आशंकाओं, नए ऑर्डर और रोजगार से जुड़ी हुई राय ली जाती है। साथ ही मैनेजरों से पिछले माह की तुलना में नई स्थिति पर राय और रेटिंग देने के लिए कहा जाता है, जिसके आधार पर इसको प्रत्येक महीने जारी किया जाता है।