विएना। भारत और ऑस्ट्रिया के संबंधों को और मजबूत करने के लिए विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने उम्मीद जताई कि अधिक भारतीयों को ऑस्ट्रिया का रेड कार्ड-व्हाइट-कार्ड मिलेगा, जो इसके धारकों को देश में दो साल तक रहने और काम करने की अनुमति देता है। जयशंकर ने रविवार को वियना में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए कहा, हमें उम्मीद है कि रेड कार्ड-व्हाइट-कार्ड योग्य भारतीयों को बड़ी संख्या में दिए जाएंगे और यह देश की प्रतिष्ठा बनाने और हमारे संबंधों को मजबूत करने में मदद करेंगे।
रेड-व्हाइट-रेड कार्ड एक वर्क परमिट और रेजिडेंस परमिट है, जो ऑस्ट्रिया में काम करने की इच्छा रखने वाले अन्य देशों के अत्यधिक कुशल व्यक्तियों को 24 महीने की अवधि के लिए जारी किया जाता है। यह वर्किं ग हॉलिडे प्रोग्राम एग्रीमेंट के तहत आएगा, जिस पर जल्द ही दोनों देशों के बीच हस्ताक्षर किए जाएंगे, और यह ऑस्ट्रिया में भारतीय छात्रों को छह महीने तक काम करने में सक्षम बनाएगा। जयशंकर ने कहा, यह हमारे लिए है, मैं कहूंगा, यह एक नया एक्सपेरिमेंट है। अगर यह ऑस्ट्रिया में अच्छा काम करता है, तो हम इसे अन्य देशों में आगे ले जाना चाहेंगे।
उन्होंने कहा कि यह पहली बार है, जब भारत किसी देश के साथ इस तरह का समझौता कर रहा है। जयशंकर, जो ऑस्ट्रिया की अपनी तीन दिवसीय यात्रा पर हैं, प्रवासन और गतिशीलता समझौते सहित कुल पांच समझौतों पर हस्ताक्षर करेंगे। जयशंकर ने कहा, यह (समझौता) उन लोगों के लिए आसान बना देगा, जो यहां (ऑस्ट्रिया) काम करना चाहते हैं, जो व्यापार के लिए यहां आना चाहते हैं, जो छात्रों के रूप में यहां आना चाहते हैं, जो यहां पेशेवरों के रूप में आना चाहते हैं।
भारत ने हाल ही में जर्मनी के साथ और इससे पहले यूके, फ्रांस, पुर्तगाल और डेनमार्क सहित कई अन्य यूरोपीय देशों के साथ एक समान समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। उन्होंने कहा, जब लोग भारत के बारे में सोचते हैं, तो वे एक देश के बारे में नहीं सोचते हैं, वे एक व्यक्ति के बारे में सोचते हैं। वे एक भारतीय और उस भारतीय के साथ उनके अनुभव से संबंधित होते हैं। यदि उस भारतीय के साथ उनका अनुभव अच्छा है तो भारत के बारे में उनकी धारणा बनती है। मेरे लिए, मैं जो भी कूटनीति करता हूं, वह आपके द्वारा बनाई गई छवि और भावना की तुलना में कुछ भी नहीं है। इसलिए, आप यहां जो कर रहे हैं, वह करते रहें।
जयशंकर ने कहा, मैं दिल से आप सभी का धन्यवाद करना चाहता हूं, क्योंकि अगर भारत-ऑस्ट्रिया के संबंध इतने अच्छे हैं कि 27 साल तक विदेश मंत्री की जरूरत नहीं पड़ी तो इसका बहुत बड़ा श्रेय आप सभी को जाता है। जयशंकर की यात्रा पिछले 27 वर्षों में पहली भारत-ऑस्ट्रिया विदेश मंत्री स्तर की यात्रा है, जो 75 वर्षों के राजनयिक संबंधों की पृष्ठभूमि में हो रही है।